Madhya Pradesh: यूं तो देशभर में इन दिनों शादी-विवाह का सीजन चल रहा है, लेकिन इंदौर के लोग अनोखे विवाह समारोह के साक्षी बने. इंदौर में एक ऐसा आयोजन हुआ, जहां 61 बुजुर्ग जोड़े फिर से विवाह बंधन में बंधे. वैवाहिक जीवन के 60 साल पूरे होने पर 61 जोड़े फिर से दूल्हा-दुल्हन बने. इन बुजुर्ग जोड़ों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और साथ जीने-मरने की कसमें खाई.
एक ओर जहां आजकल वैवाहिक जीवन की समय सीमा कम हो गई है, तो वहीं इंदौर में सफल वैवाहिक जीवन की मिसाल पेश की गई. यहां शादी के बाद 60 साल का जीवन साथ बिताने के मौके पर फिर से बुजुर्ग दंपत्तियों का विवाह कराया गया. इस अनोखे विवाह कार्यक्रम में ऐसे 61 जोड़े शामिल हुए जिनकी शादी को 60 वर्ष पूरे हो चुके थे. इस मौके को यादगार बनाने के लिए रंगारंग कार्यक्रम किया गया.
नाच-गाने के साथ मनाई खुशी
शादी के 60 साल पूरे होने पर धूमधाम से उत्सव मनाया गया. इस दौरान नाच-गाना और हल्दी-मेहंदी जैसी सभी रस्में पूरे रीति-रिवाजों के साथ निभाई गईं. शादी के बाद रिसेप्शन भी दिया गया. दूल्हे को बग्गी और विंटेज कारों में बैठाकर बाना भी निकाला गया. इस समारोह में 20 जोड़े प्रदेश से तो वहीं 40 जोड़े 8 अन्य राज्यों से थे. इन दूल्हा-दुल्हनों के नाती-पोते अपने बुजुर्ग दादा-दादी और नाना-नानी की शादी की गवाह बने. विवाहित जोड़े अपने बेटे-बहू, बेटी-दामाद नाती-पोते सहित इस समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं.

शुभ षष्टि परिणय उत्सव
इंदौर में हुए इस अनोखे आयोजन का नाम शुभ षष्टि परिणय उत्सव रखा गया था. अग्रवाल समाज की स्विफ्ट एवं अग्रणी संस्था ने 3 दिन तक चले इस कार्यक्रम में 8 राज्यों के 61 जोड़ों का विवाह करवाया. आयोजन का प्रथम आमंत्रण पत्र खजराना गणेश को दिया गया. गुरुवार को भगवान गणेश को न्योता देने के बाद 20 जोड़ी खजराना गणेश मंदिर पहुंचे थे. अपने परिजनों के साथ आए इन जोड़ों ने भगवान गणेश का पूजन अर्चन और अभिषेक किया. फिर उन्हें आयोजन के लिए न्यौता दिया. साथ ही कुलदेवी महालक्ष्मी का भी पूजन-अर्चन कर उन्हें भी आमंत्रित किया गया.
शादी को पूरे हुए 65 साल
सबसे उम्रदराज दूल्हे 92 वर्षीय सूरजमल अग्रवाल के परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है. उनकी शादी को 65 साल पूरे हो चुके हैं. बेटे संजय अग्रवाल का कहना है कि उन्हें यह मौका मिला है, इसके लिए वह भगवान को धन्यवाद प्रेषित करना चाहते हैं. माता-पिता के आशीर्वाद से ही यह संभव हो सका है और उनका परिवार आज एक साथ है. हालांकि आधुनिक युग में अब रिश्ते अधिक समय तक नहीं चलते, लेकिन जिस तरह से उनके माता-पिता ने इस परिवार को सींचकर इस लायक बनाया है, उसके बदले कुछ और नहीं दे सकते लेकिन इस खुशी में शामिल होकर एक बार फिर अपने माता-पिता का विवाह करवाकर आशीर्वाद लिया.
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