Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम में मिर्गी से पीड़ित एक बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. बीमार बच्ची को उसके परिजन बागेश्वर धाम बीमारी ठीक होने की उम्मीद से लाए थे. लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. बाबा (पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री) बोले ले जाओ इसे शांत हो गई. परिजन बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां उन्हें स्ट्रेचर ही नहीं मिला तो गोद में शव लेकर घूमते रहे. मौत के बाद उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, जिसे उसके शव को परिजन प्राइवेट एम्बुलेंस ₹ 11,500 में बाड़मेर राजस्थान ले गये हैं.
जानकारी के मुताबिक 10 वर्षीय बच्ची विष्णु कुमारी पिता बुधराम, अपनी मां धम्मू देवी और मामी गुड्डी के साथ बाड़मेर से 17 फरवरी को बागेश्वर धाम आई थी. परिजनों के मुताबिक बच्ची को मिर्गी के दौरे आते थे, उन्होंने यहां के चमत्कार को सुना तो वे उसे लेकर बागेश्वर धाम आये, जहां उसकी मौत हो गई. बच्ची की मामी ने बताया कि बाबा ने भभूति भी दी थी और देखा भी, लेकिन उसकी जान नहीं बची.
बाबा ने भभूति दी, फिर कहा- शांत हो गई है, ले जाओ इसे
बागेश्वर धाम में आने के बाद भी बच्ची को मिर्गी के दौरे आ रहे, रात भर बच्ची जागी रही, जिसके चलते जब दोपहर में उसकी आंखे झपकी तो परिजनों ने समझा बच्ची सो गई है. लेकिन शरीर में हलचल न होने के बाद उन्हें आशंका हुई तो वे उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.

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बच्ची की मामी गुड्डी ने बताया कि डेढ साल से धाम आ रहे हैं. इस बार 17 फरवरी शनिवार से बच्ची को परेशानी ज्यादा थी. उसे बाबा जी के पास ले गए तो उन्होंने भवूती भी दी पर नहीं बची बोले शांत हो गई ले जाओ इसे.
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नहीं मिली सरकारी एम्बुलेंस..
इतना ही नहीं जिला अस्पताल में चेकअप और मौत की पुष्टि करने के बाद परिजन उसे अपने घर राजस्थान बाड़मेर ले जाना चाहते थे जहां उन्हें सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली जिससे वह ₹ 11,500 में प्राइवेट एंबुलेंस करके ले गए.
स्ट्रेचर नहीं मिला तो गोद में शव लेकर एम्बुलेंस तक गए
इस दौरान मानवता को शर्मशार कर देने वाली भी एक तस्वीर निकलकर सामने आई है. जहां उन्हें बच्ची के शव को अस्पताल से एंबुलेंस तक ले जाने के लिये स्ट्रेचर नहीं मिला तो बच्ची की मामी गुड्डी शव को गोद में उठाकर अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस तक ले गये. मामले में जब हमने इस बाबत पीड़ित परिवार से पूछा तो वे रो बिलख रहे और गमगीन थे और कुछ भी नहीं बोले.
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इससे पहले 17 फरवरी को भी बाबा को दिखाने के लिए अर्जी लगा चुकी महिला की मौत हो गई थी, उसका नंबर ही नहीं आया और उसके पहले वह गुजर गई. महिला बीमार थी और चमत्कार की उम्मीद लगाकर वहां आई थी, लेकिन उसकी अर्जी लगने से पहले ही महिला की मौत हो गई.
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