SATNA NEWS: बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कंट्रोवर्सी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. शनिवार को उनके विरोध में अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव देवेन्द्र पांडेय का बयान सामने आया. उन्होंने महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सड़क किनारे जादू दिखाने वाला बता दिया और यह मानने से इनकार कर दिया कि उनके पास किसी तरह की कोई सिद्धी है. अखिल भारत हिंदू महासभा का मानना है कि यह पूरी तरह से बीजेपी द्वारा प्रचारित एक हथकंडा है, जिससे आने वाले विधानसभा चुनावों में हिंदू वोटों को एकजुट कर सत्ता हासिल की जा सके.
वे शनिवार को सतना में मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने भोजशाला के मुद्दे पर बड़ा आंदाेलन चलाने की घोषणा की है. उसी को लेकर वे मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे. इस बीच उन्होंने बागेश्वर धाम के महंत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘मुझे ये लगता है कि जिस व्यक्ति ने धीरेंद्र शास्त्री के ऊपर एफआईआर का प्रयास किया, वह आरएसएस के मुख्यालय नागपुर से है. लेकिन पुलिस इस मामले में महंत को क्लीन चिट दे देती है. ये जाहिर करता है कि सब कुछ पहले से ही तय था’. देवेंद्र पांडे आगे बोलते हैं कि ‘ धीरेंद्र शास्त्री का बीजेपी इस्तेमाल कर रही है ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में हिंदू वोटों को एकजुट करके सत्ता हासिल की जा सके. हमारे यहां किसी शंकराचार्य को देख लो, किसी ने आडंबर नहीं किया है.’
महंत पर आरोप, उनके आडंबर की वजह से धर्म पर उठी उंगली
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र पांडेय ने आरोप लगाए कि ‘सनातन धर्म पर उंगली भी तभी उठती है जब महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे लोग आडंबर रचते हैं. मैं यह तो मान सकता हूं कि बागेश्वर धाम सिद्ध जगह है लेकिन यह मैं कतई नहीं स्वीकार कर सकता कि पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कोई चमत्कारी व्यक्ति है. वो कोई देव पुरुष नहीं है’.देवेंद्र पांडेय का मानना है कि जिस तरह से आसाराम बापू पर पहले सभी यकीन करते थे और प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक उसके चरणों में बैठते थे, कुछ ऐसा ही अब बागेश्वर धाम के महंत को लेकर हो रहा है.
अखिल भारत हिंदू महासभा का विरोध चौकाने वाला
जहां एक तरफ बागेश्वर धाम के महंत के समर्थन में कई हस्तियां सामने आ रही हैं, ऐसे में अखिल भारत हिंदू महासभा का विरोध चौकाता है. दरअसल अखिल भारत हिंदू महासभा हार्डकोर हिदुत्व की बात करता है, जिसके कारण कई बार बीजेपी को राजनीतिक रूप से परेशानी होती है. इसलिए अखिल भारत हिंदू महासभा अक्सर बीजेपी और आरएसएस का विरोध करती नजर आती है.