Jhabua news: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का रविवार को एक अलग अंदाज देखने को मिला, जब वह कंधे पर गैती लेकर हेलीकॉप्टर से नीचे उतरे. सीएम शिवराज सिंह झाबुआ जिले के हाथीपावा पहाड़ी पर चल रहे हलमा के आयोजन में पहुंचे थे, जहां उन्होंने श्रमदान किया. कांग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए उन्हें कैमराजीवी कहा है.
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि ‘हलमा’ समन्वय, साझेदारी और परमार्थ की अद्भुत परंपरा है. भील समाज की यह महान परंपरा सामूहिकता से विश्व कल्याण का रास्ता दिखा रही है और अक्षय विकास का मॉडल हमें बता रही है. इस परंपरा के तहत जल, जंगल और जमीन के संरक्षण, संवर्द्धन हेतु श्रमदान किया.सीएम ने कहा कि हलमा परमार्थ की अद्भुत परम्परा है. पूरा गांव मिलकर खेती में सहायता कर रहा है, एक आव्हान पर कुआं खोद रहा है. यही तो भारत की वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा है.
‘हलमा’ हमारे जनजाति समाज की विशेष परंपरा है. यह जल संरक्षण और प्रकृति सेवा का सामूहिक संकल्प है. इसमें परमार्थ का पुण्य भाव निहित है. मैंने भी हलमा के अवसर पर झाबुआ के हाथीपावा क्षेत्र की पहाड़ी पर जनजातीय भाई-बहनों के साथ श्रमदान कर जल संरक्षण व पौधरोपण के लिए आह्वान किया.
पेसा पर बोले शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय भाई बहनों को संबोधित करते हुए पेसा नियम के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को अधिकार सम्पन्न बनाने में पेसा नियम की अहम भूमिका रहेगी. प्रदेश में जनजातीय अंचल में धर्म परिवर्तन का कुचग्र नही चलने दिया जाएगा. पेसा नियम में तेंदूपत्ता संग्रहण का अधिकार ग्राम सभाओं को दिया गया है.
हलमा महोत्सव की तैयारियां 4 महीने पहले से शुरू की गई थी
झाबुआ जिले में पर्यावरण और जल संरक्षण की दिशा में जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले शिव गंगा संगठन द्वारा प्रति वर्ष 25 एवं 26 फरवरी को हलमा आयोजित किया जाता है. इस बार हलमा की तैयारियां करीब चार महीने पहले शुरू कर दी गई थी. इन तैयारियों के अंतर्गत संगठन के कार्यकर्ता मध्यप्रदेश सहित राजस्थान और गुजरात के 5 जिलों के करीब 2लाख परिवारों में घर घर हलमा का निमंत्रण लेकर पहुचे थे. शनिवार को हलमा स्थल पर हजारों वाहनों में तीनों राज्यों के 50000 से भी अधिक लोग गैती फावड़े, तगरिया लेकर हलमा में शामिल होने पहुँचे थे.
कांग्रेस बोली: मुख्यमंत्री कैमराजीवी हैं
गैती लेकर हेलीकॉप्टर से उतरने की सीएम शिवराज सिंह की तस्वीर पर कांग्रेस ने तंज कसा है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने उन्हें कैमराजीवी कहा, उन्होंने ट्वीट में लिखा – कैमराजीवी आदत से मजबूर, गैती-फावड़ा लेकर फोटोशूट कराने के लिए आज किसान बने हैं.
हलमा भील समाज में एक मदद की परंपरा है. जब कोई व्यक्ति या परिवार अपने संपूर्ण प्रयासों के बाद भी अपने पर आए संकट से उबर नहीं पाता है तब उसकी मदद के लिए सभी ग्रामीण भाई-बंधु जुटते हैं, और अपने नि:स्वार्थ प्रयत्नों से उसे मुश्किल से बाहर ले आते हैं. यह एक ऐसी गहरी और उदार परंपरा है जिसमें संकट में फंसे व्यक्ति की सहायता तो की जाती है पर दोनों ही पक्षों द्वारा किसी भी तरह का अहसान न तो जताया जाता है न ही माना जाता है. परस्पर सहयोग और सहारे की यह परंपरा दर्शाती है कि समाज में एक दूजे की मजबूती कैसे बना जाता है. किसी को भी मझधार में अकेले नहीं छोड़ा जाता है, बल्कि उसे निश्छल मदद के द्वारा समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाता है
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