GUNA NEWS: गुना में कलेक्ट्रेट ऑफिस की बिल्डिंग को बने अभी सिर्फ 5 साल ही बीते हैं लेकिन अभी से बिल्डिंग निर्माण में बड़ी गड़बड़ी सामने आ रही है. कलेक्ट्रेट ऑफिस का ड्रेनेज सिस्टम खराब हो गया. इसके लिए जब टाइल्स हटाकर खुदाई कराई गई तो मालूम चला कि पूरी बिल्डिंग की फाउंडेशन ही कमजोर है, क्योंकि इसे बनाते समय ही ठेकेदार ने फाउंडेशन में मलबे का भराव ही नहीं किया. इससे फाउंडेशन कमजोर रह गई. कलेक्ट्रेट ऑफिस की बिल्डिंग में ही इस तरह की गड़बड़ी सामने आने के बाद गुना कलेक्टर फ्रेंक नोबेल ने इस मामले की जांच बैठा दी है.
20.40 करोड़ रुपए की लागत से कलेक्ट्रेट ऑफिस की यह बिल्डिंग 27 अगस्त 2017 को बनकर तैयार हुई थी. लेकिन 5 साल बाद ही बिल्डिंग में कई तरह की दिक्कतें सामने आने लगी हैं. बीते दिनों जब कलेक्ट्रेट ऑफिस का ड्रेनेज ही जाम हो गया तो उसे ठीक करने के लिए बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर टाइल्स को हटाकर खुदाई करवाई गई. लेकिन खुदाई करने के बाद बिल्डिंग की फाउंडेशन नजर आ गई, जिसमें किसी तरह का मलबा ही नहीं भरा गया था. इससे पता चला कि कलेक्ट्रेट ऑफिस की बिल्डिंग कमजोर है. यह पता लगते ही कलेक्टर फ्रेंक नोबेल ने संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी कर दिया और बिल्डिंग निर्माण को पास करने वाले पीडब्ल्यूडी अधिकारियों पर जांच बैठा दी है.
सरियों के जाल पर बीम बिछाया और खड़ी कर दी कलेक्ट्रेट बिल्डिंग
खुदाई के बाद कलेक्ट्रेट के अधिकारियों ने देखा कि फाउंडेशन में मलबा का भराव नहीं किया गया है बल्कि सरियों के जाल पर बीम को बिछाकर उसके ऊपर ही कलेक्ट्रेट ऑफिस की बिल्डिंग खड़ी कर दी है.यह देखकर सभी हैरान रह गए कि निर्माण करने वाले ठेकेदार और निर्माण को पास करने वाले पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने कलेक्ट्रेट ऑफिस के भवन निर्माण में ही घपला कर दिया और कमजोर बिल्डिंग पर गुना कलेक्ट्रेट कार्यालय चलवा भी दिया. पिछले 5 साल से कलेक्ट्रेट इसी बिल्डिंग पर चल रही है,जो कमजोर है.
ये कमियां भी आईं सामने
कलेक्टर कार्यालय के नक्शे को लेकर भी अब उसमें तकनीकी दिक्कतें बताई जा रही हैं. यहां की लिफ्ट महीनों से बंद पड़ी है. सेंट्रल एयरकंडीशनर के लिए बनाए गए डोम के परखच्चे उड़ चुके हैं. बारिश के मौसम में कार्यालय के ज्यादातर कमरों और गलियारों में पानी का रिसाव होता है. अब कलेक्टर फ्रेंक नोबेल इन कमियों को दूर कराने और भवन निर्माण में हद दर्जे की लापरवाही करने वाले ठेकेदार और इंजीनियरों पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.
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