‘अब घर में ही रहे घर की मुस्कान’, बेटियों की सुरक्षा को लेकर इंदौर पुलिस और IIM इंदौर पहल
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![‘अब घर में ही रहे घर की मुस्कान’, बेटियों की सुरक्षा को लेकर इंदौर पुलिस और IIM इंदौर पहल Indore Police and IIM Indore initiative for the safety of daughters, 'now the smile of the house remains at home'](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202307/indore-police-and-iim-768x432.jpg?size=948:533)
Indore News: लड़के और लड़कियों की तस्करी, गुमशुदा और अपहरण के मामलों को रोकने, पुलिस की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए इंदौर पुलिस ने IIM इंदौर के साथ हाथ मिलाया है. इंदौर के पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर और आईआईएम के निदेशक हिमांशु राय ने बुधवार को एक एमओयू पर साइन किया है.
पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में मानव तस्करी संबंधी अपराधों, गुमशुदा के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है.उसमें ज्यादा संख्या लड़कियों की देखने में आ रही है. हालांकि इंदौर पुलिस ने इसमें प्रभावी कार्रवाई कर गुमशुदा और अगवा किए गए बच्चों को दस्तयाब करने का काम कर रही है. लेकिन यह घर से क्यों जा रहे हैं और इनके पीछे क्या कारण हैं. इस पर पुलिस और बेहतर तरीके से कार्य कर सके, इसके लिए आईआईएम इंदौर और इंदौर पुलिस मिलकर एक शोध करेंगे.
रिसर्च के बाद उस पर काम किया जाएगा, जिससे कार्यप्रणाली में और सुधार किया जा सके. इस शोध के लिए सहमत होने पर आईआईएम इंदौर और उनकी टीम का आभार जताया. आयुक्त ने कहा- शोध में जो भी संसाधन, जानकारी चाही जाएगी, उन्हे उपलब्ध करवानें मे हर संभव प्रयास किया जाएगा. शोध के बाद जो भी निष्कर्ष आएंगे उसे प्रभावी ढंग से लागू करेंगे.
IIM तैयार करेगा विस्तृत रिपोर्ट
आईआईएम के निदेशक हिमांशु राय ने बताया कि पुलिस का कार्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण एवं जिम्मेदारी और अपेक्षाओं का है. वर्तमान समय में मानव तस्करी एवं गुमशुदा के प्रकरणों में बढ़ोतरी हो रही है, और पुलिस इसमें अपने संसाधनों का बेहतर प्रयोग कर रही है. समाज में इस दिशा में और सुधार आए और समाज हित में पुलिस भी और बेहतर कार्यवाही कर पाए इसलिए आईआईएम ने पुलिस के साथ मिलकर कार्य करने का निर्णय लिया है. आईआईएम की टीम इन प्रकरणों में पुलिस व इस दिशा में कार्य करने वाली सामाजिक संस्थाओं और गुमशुदा बच्चों एवं उनके परिजनों से संपर्क कर रिसर्च करेगी.
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इस आधार पर आईआईएम द्वारा एक विस्तृत रिसर्च रिपोर्ट तैयार की जाएगी. उसके आधार पर पुलिस की कार्यप्रणाली में उसे शामिल करने हेतु एक मॉडल तैयार किया जाएगा.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर द्वारा उक्त संवेदनशील विषय पर मिलकर कार्य करने के लिए पुलिस कमिश्नर एवं आईआईएम को धन्यवाद दिया. कहा कि आईआईम को इस रिसर्च को करनें मे सभी महत्वपूर्ण संसाधन उपलब्ध कराने में योगदान प्रदान करेंगे. इसके निश्चित ही अच्छे परिणाम होंगे. जिससे हम किसी के गुमशुदा ना होने के लिए प्रयास कर लोगों के चेहरे की मुस्कान बरकरार रख पाएंगे.
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