आपका जिला मुख्य खबरें

करेली में होलिका दहन की तैयारी, महिलाएं अपने हाथों से बना रही गुलरियां, पढ़ें

Kareli news:  भारतीय संस्कृति विविधता से भरी हुई है. परम्पराओं ने हमेशा संस्कृति को जीवंत बनाये रखा है. गोबर से बनी गुलरियां शहर कस्बा और गांवों में इनके बनाने की प्रथा आज भी बदस्तूर जारी है. होली पर्व को लेकर प्राचीन मान्यता है कि घरों में होलिका दहन गुलरियों से ही किया जाता है. और […]
naringhpur, mpnews, mptak,holifestival

Kareli news:  भारतीय संस्कृति विविधता से भरी हुई है. परम्पराओं ने हमेशा संस्कृति को जीवंत बनाये रखा है. गोबर से बनी गुलरियां शहर कस्बा और गांवों में इनके बनाने की प्रथा आज भी बदस्तूर जारी है. होली पर्व को लेकर प्राचीन मान्यता है कि घरों में होलिका दहन गुलरियों से ही किया जाता है. और लोग आज भी इस मान्यता को जारी रखे हुए है. यह गुलरियां गोबर से बनाई जाती हैं. जिन्हें होली पर्व के कुछ दिन पूर्व ही तैयार की किया जाता है. होली पर्व नजदीक है तो घर की छतों पर गुलरियां सूखती दिखाई देती है.

दरअसल होलिका दहन के लिए के लिए आज भी गांव शहरों में गाय के गोबर से बनी गुलरियों का उपयोग किया जाता है. ये गोबर से बनी गुलरियां पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है. और आज भी इनका उपयोग किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में ये आज भी ये परंपरा बनी हुई है कि होलिका दहन इन्हीं हाथ से बनी गलरियों के द्वारा ही किया जाता है.

उम्र पर उमंग भारी
नगर की वरिष्ठ नागरिक विमला सोनी इन दिनों गोबर से बनी गुलरियां को आकार देने में जुटी हुई हैं. इन्हें बनाने की शुरुआत फुलैरा दौज से हो जाती है. यह गोबर से बनाई जाती है. छोटे-छोटे गोले बनाकर उसमें उंगली से बीच में सुराख किया जाता है. उम्र के इस पड़ाव में भी थकान की जगह उनके अंदर उमंग है. पुष्पा गुप्ता, रजनी गुप्ता बताती हैं कि होली पर होलिका दहन घरों में गोबर से बनी गुलरियों से करने की परंपरा है. वैसे तो लोग गुलरियों को कई आकार में बनाने है, लेकिन अधिकांशत गुलरियां गोल बनाई जाती हैं.

ये भी पढ़ें: धार: भगोरिया में शामिल हुए विदेशी पर्यटक, पारंपरिक टोपी पहन झूमते नजर आए; कलेक्टर ने बजाया मांदल

घंटी जैसा आकार
गुलरियों के मध्य में एक छेद होता है. इनका आकार पूजन में रहने वाली घंटी के जैसा होता है. होलिका दहन से पहले इन गुलरियों की मालाएं बनाई जाती हैं. होलिका दहन के दिन इन्हें जलाकर इनमें गेहूं की बालें भूजी जाती हैं और बांटी बनाई जाती हैं. आजकल शहर में गोबर की दिक्कत रहती है, महानगरो में तो अब कुछ लोग तैयार गुलरियां बाजार से खरीद लाते हैं. लेकिन अभी भी गुलरियां बनाने की प्रथा बदस्तूर जारी है.

उपलों से होता है दहन
होलिका दहन सही मायने में गोबर से बनी गुलरियाें और उपलों से होता है. ग्रामीण क्षेत्रों में इसका आज भी प्रचलन है. शहरों में लोग लकड़ी भी जला लेते है. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त  6 मार्च 2023 को शाम 4 बजकर 48 मिनट से शुरु हो रहा है और ये 7 मार्च 2023 को सुबह 5 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. पंचांग के मुताबिक इस साल 2023 में होलिका दहन पर भद्रा का साया नहीं है. बता दें कि होलिका दहन के लिए 7 मार्च को शाम 06.31 से रात 08.58 मिनट तक शुभ मुहूर्त बताया गया है.
ये भी पढ़ें: खरगोन: बृज की तर्ज पर मनती है होली, गोपी बनकर नृत्य करती हैं महिलाएं; 40 दिनों तक चलता है रंगों का उत्सव

मध्य प्रदेश की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए Mp Tak पर क्लिक करें
जंगल सफारी के शौकीनों के लिए आई खुशखबरी! अब कर सकेंगे टाइगर का दीदार सबसे कम उम्र में CA क्रैक करने वाली नंदिनी ने ऐसे लिखी कामयाबी की इबारत कैसे शुरू हुई थी IAS टीना डाबी और प्रदीप गांवडे की लव स्टोरी? टीना डाबी से कहीं ज्यादा सुंदर हैं IAS अतहर की बीबी, देखें 8 अनदेखी तस्वीरें आगरा से पहले MP में बना था ‘ताजमहल’, रोचक है इतिहास इंदौर की बेटी ने इस स्पर्धा में देश को जिताया 41 साल बाद गोल्ड, जानें आज कल क्या कर रहे हैं टीना डाबी के पहले पति अतहर आमिर, जानें बागेश्वर धाम की कथा करवाना चाहते हैं? तो जानें कितना आएगा खर्च! लोहे को सोना बना देता है चमत्कारी पारस पत्थर, MP के इस किले में है मौजूद… महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह जानें किस काम में हैं माहिर? टीना डाबी चाहें तो रख सकती हैं मर्सिडीज-बीएमडब्यू, लेकिन उन्हें पसंद है ये कार जवानों का आसमां में करतब देख हलक में अटक जाएगी जान गाड़ी, बंगला, नौकर-चाकर… MP में क्या है एसडीएम की पावर, कितनी होती है सैलरी? किसान की बेटी ने एशियन गेम्स में जीता मेडल, भाई से मिली प्रेरणा ने बनाया स्टार दादी की वो कौन सी भविष्यवाणी जो टीना डाबी को लेकर हो गई सच? इस आलीशान महल में रहते हैं ग्वालियर के महाराजा सिंधिया, देखें अनदेखी तस्वीरें मां बनने के बाद कितनी बदल गई IAS टीना डाबी की जिंदगी? जानें कौन हैं IPS मनोज शर्मा? जिन पर बन रही फिल्म 12वीं फेल कौन हैं शूटर ऐश्वर्य प्रताप, जिन्होंने एशियन गेम्स में लगाया गोल्ड पर निशाना? अनोखी खूबियों से लैस है देश का पहला साउंड प्रूफ हाईवे, जानें क्यों है चर्चा में?