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राघोगढ़: नगरपालिका अध्यक्ष के लिए सरगर्मी तेज, क्या दिग्विजय का गढ़ भेद पाएगी बीजेपी?

Raghogarh Election: दिग्विजिय सिंह का गढ़ कहे जाने वाले राघोगढ़ में नगरपालिका अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है. नगरपालिका की 24 सीटों पर हुए पार्षद के चुनावों में कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं भाजपा कुल 8 सीटें ही जीत पाई है. कांग्रेस ने विजय […]
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तस्वीर: विकास दीक्षित, एमपी तक

Raghogarh Election: दिग्विजिय सिंह का गढ़ कहे जाने वाले राघोगढ़ में नगरपालिका अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है. नगरपालिका की 24 सीटों पर हुए पार्षद के चुनावों में कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं भाजपा कुल 8 सीटें ही जीत पाई है. कांग्रेस ने विजय साहू को तो वहीं भाजपा ने गोपाल पटवा को मैंडेट दिया है. वैसे तो राघोगढ़ पर हमेशा से कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन बीजेपी खुद को रेस में शामिल किए हुए है.

नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राघोगढ़ का माहौल गर्माया हुआ है. वैसे तो कई जगहों पर नगरपालिका के चुनाव हैं, लेकिन ये पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है. इस लिहाज से प्रदेश की राजनीति में राघोगढ़ नगरपालिका की सीट का खास महत्व है.

कांग्रेस पास हैं दोगुने पार्षद
नगरपालिका अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. सभी 24 पार्षद मिलकर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव करेंगे. नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ पार्षद विजय साहू को मैंडेट दिया गया है. वहीं भाजपा की ओर से गोपाल पटवा को मैंडेट दिया गया है. 8 पार्षद होने के बावजूद भाजपा खुद को चुनाव से बाहर नहीं मान रही है. 13 का जादुई आंकड़ा छूने के लिए भाजपा को अभी भी 5 पार्षदों की जरूरत है. वहीं कांग्रेस के पास पहले से ही 16 पार्षद मौजूद हैं. देखा जाए तो कांग्रेस के पास भाजपा के मुकाबले दोगुनी संख्या में पार्षद हैं, लेकिन भाजपा अध्यक्ष पद के लिए पूरा जोर लगा रही है.

राजस्थान भेजे गए थे कांग्रेस पार्षद
कांग्रेस ने नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव से पहले अपने सभी पार्षदों को राजस्थान में शिफ्ट कर दिया था. सभी पार्षदों को देर रात राजस्थान से राघोगढ़ लाया गया. कांग्रेसी पार्षदों को अंडरग्राउंड करने के मामले में विधायक जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि किसी को अंडरग्राउंड नहीं किया गया था, बल्कि चुनाव की थकान मिटाने के लिए सभी पार्षद राजस्थान घूमने गए थे. कुछ लोग तीर्थदर्शन करने गए थे.

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