SATNA NEWS: मध्यप्रदेश के सतना में राज्य सरकार द्वारा संचालित एकलव्य स्कूल में छात्रों ने तालाबंदी कर दी. स्कूल के प्रिंसिपल की एक आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर स्कूल के छात्र-छात्राएं नाराज थे और इसी सिलसिले में उन्होंने स्कूल पर ताला लगा दिया. मामला इतना अधिक बढ़ गया कि मौके पर मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी को आना पड़ा और स्कूली बच्चों ने विधायक से अपनी परेशानी साझा की. इसके बाद विधायक नारायण त्रिपाठी ने जिले के कलेक्टर को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी और जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिए.
सतना जिले के मैहर में आदिवासी बच्चों के लिए स्थापित एकमात्र एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल में 400 छात्र-छात्राओं ने यह तालाबंदी की. बच्चों का आरोप है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने एक छात्रा और यहां काम करने वाले अतिथि शिक्षक के रिश्ते को कलंकित करने का काम किया है. स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्रा और शिक्षक को ‘लैला-मजनू’ बोलकर प्रचारित करने की कोशिश की.
जबकि छात्रा और शिक्षक के बीच किसी तरह का कोई आपत्तिजनक रिश्ता नहीं है. लेकिन प्रिंसिपल द्वारा इस तरह से छात्रा और शिक्षक के चरित्र पर लांछन लगाने से छात्रों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.इससे नाराज होकर शुक्रवार को सभी स्टूडेंट ने स्कूल पर ताला ही लगा दिया. इसके बाद स्कूल के बाहर ही छात्रों ने प्रिंसिपल के खिलाफ नारेबाजी भी की.
बच्चों के मामले को गंभीरता से लिया, जांच करवाएंगे- विधायक
विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि ‘सबसे पहले तो मां शारदा की कृपा है कि मैहर में एकलव्य स्कूल है. यहाँ डिंडौरी, मंडला, रीवा, कटनी चारों तरफ के आदिवासी समाज के बच्चे पढ़ रहे हैं. स्कूल में आकर आश्चर्य लगा कि ऐसे स्कूल से भी इस तरह का मामला सामने आ सकता है. प्रिंसिपल का कृत्य अशोभानीय है. पूरे मामले से कलेक्टर को अवगत कराया है और उन्होंने तहसीलदार, थाना प्रभारी और ट्राइबल विभाग के अधिकारी जांच के लिए भेजे हैं. इस मामले की पूरी विधिवत जांच होगी. बच्चों के साथ अगर गलत होगा तो इसका परिणाम संबंधित अधिकारियों को भुगतना होंगे.
प्रिंसिपल ने दी अजीब सी सफाई
प्रिंसिपल एसपी मिश्रा ने कहा कि हमारे यहाँ एक अतिथि शिक्षक हैं जो संगीत सिखाते हैं. ये संगीत के शिक्षक जिस तरह से बच्चों को गाइड कर रहे हैं. वो ठीक नहीं लगता है. अगर कोई अनहोनी हो जाएगी तो प्रिंसिपल होने के नाते पूरा दायित्व मेरे ऊपर ही आएगा. इसलिए मैंने थोड़ा-बहुत डांटा था. इससे अधिक मैने कुछ नहीं किया. किसी को भी कुछ आपत्तिजनक नहीं बोला.