बस में कैसे लगी आग, जिसमें स्वाहा हो गए 13 यात्री? जांच रिपोर्ट में विस्फोटक खुलासा

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Guna Bus Tragedy: गुना में भीषण बस हादसे की जांच रिपोर्ट भोपाल मुख्यमंत्री मोहन यादव को भेज दी गई है. गुना के प्रभारी कलेक्टर प्रथम कौशिक ने गोपनीय रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी है. इसमें कई विस्फोटक खुलासे हुए हैं. हादसे में 13 यात्रियों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी, इस एक्सीडेंट की खबर से पूरा देश हिल गया था. सूबे के मुखिया मोहन यादव 28 दिसंबर को गुना पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने तत्काल एक जांच समिति का गठन कर जांच के आदेश दिए थे और तीन दिन भीतर रिपोर्ट मांगी थी.

अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई जांच समिति ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की. निरीक्षण करने पहुंची टीम में अपर कलेक्टर के साथ एसडीएम दिनेश सांवले, परिवहन विभाग के अधिकारी, बिजली विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. घटनास्थल का निरीक्षण करने के दौरान सिकरवार ट्रेवल्स की बस MP08 P 0199 की वस्तुस्थिति का जायज़ा लिया गया.

इन बिंदुओं पर हुई जांच, उठे सवाल

  1. गुना में हुए भीषण सड़क हादसे के बाद बस में आग कैसे लगी इसकी जांच की गई.
  2. क्या बस के अंदर कोई ज्वलनशील पदार्थ जैसे पेट्रोल या केरोसिन मौजूद था?
  3. आग लगने के कितने समय बाद घटनास्थल ओर फायर बिग्रेड पहुंची?
  4. सेमरी घाटी पर मोड़ की वजह से क्या बस या डंपर अनियंत्रित हुआ?

बस के डीज़ल टैंक का भी निरीक्षण किया गया. घटनास्थल से जले हुए मोबाइल, कागज़ात,जले हुए बाल समेत कई सैंपल इकट्ठा किये गए. घटना का समय, वाहन की गति, बस और डंपर चालक का बैकग्राउंड की रिपोर्ट भी जुटाई गई. ये सभी जानकारी जांच रिपोर्ट में साझा की गई है.

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जांच में क्या निकला?

जांच समिति द्वारा तीन दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार की गई है. जांच समिति ने सिकरवार ट्रैवल्स के द्वारा संचालित बिना परमिट बिना फिटनेस के संचालित बसों का हवाला दिया है. जिसे विशेष वाहक के द्वारा भोपाल भेजा गया है. हादसे में मारे गए 13 यात्रियों में से केवल 02 ही लोगों की पहचान हो सकी है. जब तक DNA रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक शवों की पहचान हो पाना मुश्किल है.

जिले के प्रभारी कलेक्टर प्रथम कौशिक ने बताया कि DNA जांच के लिए मृतकों के सैंपल ग्वालियर भेजे गए थे, जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती परिवारवालों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा भी नहीं दिया जा सकता. रिपोर्ट आते ही मुआवजा वितरण किया जाएगा, हालांकि घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दे दी गई है.

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सीएम ने लिया था एक्शन, कलेक्टर-एसपी को हटाया

27 दिसंबर को रात्रि लगभग 8.30 बजे हुए बस हादसे ने पूरे मध्यप्रदेश समेत देश को हिला कर रख दिया था. प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति ने भी शोक संवेदनाएं व्यक्त की थी. मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने गुना पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की थी और सख्त एक्शन लेते हुए कलेक्टर, एसपी, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर,डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का तबादला किया था. परिवहन अधिकारी व सीएमओ नगरपालिका को निलंबित करने के आदेश दिए थे. हादसे को लेकर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव शुरू से ही जीरो टॉलरेंस के मूड में हैं. माना जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के बाद कुछ और भी कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है.

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