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खनिज अधिकारियों की हाईकोर्ट ने ली ऐसी क्लास, हाथ जोड़ माफी मांगने को हो गए मजबूर

सर्वेश पुरोहित

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High Court Gwalior refuses to lift ban on BSC Nursing examination serious matter
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Gwalior News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मंगलवार को खनिज अधिकारियों की ऐसी क्लास ली, जिसके बाद वे हाथ जोड़कर माफी मांगने को मजबूर हो गए. 9 साल पुराने पेंडिंग मामले में खनिज अधिकारी आदेश के बाद भी अमल नहीं कर रहे थे. मामला डंप रेत को हासिल करने के लिए दी जाने वाली ईटीपी यानी इलेक्ट्रोनिक ट्रांजिट पास न देने का है, जिसे लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट ने खनिज अधिकारियों को जमकर फटकारा.

सुनवाई के दौरान डिप्टी डायरेक्टर और खनिज अधिकारी ने दोहराया कि ईटीपी जारी करने का अधिकार उनके पास नहीं है. इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि क्या तुम चपरासी हो. तुम्हें यहां क्यों रखा गया है? जब कलेक्टर ने आदेश दे दिया तो तुम्हारा क्या दायित्व बनता है?

कोर्ट ने कहा कि दोनों अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश की अवमानना की है, ऐसे में उन्हें तीन दिन के लिए सिविल जेल भेज दिया जाए, साथ ही 2 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाए. इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी ने कहा कि दोनों अधिकारियों ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई पर खनिज अधिकारी सहित तीनों को उपस्थित रखें. सभी का पक्ष सुनने के बाद तय किया जाएगा कि क्या सजा दी जाए?

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आपको बता दें कि 14 मार्च 2023 को मामले की सुनवाई करते हुए मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने ईटीपी जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन उसका पालन नहीं हो सका. जिसके बाद ग्वालियर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि क्या हर आदमी को कोर्ट आना पड़ेगा. ये शासन के लिए अच्छे संकेत नहीं है.

अगली सुनवाई पर खनिज विभाग के सभी बड़े अधिकारियों को किया तलब
हाईकोर्ट को बताया गया कि इस मामले में खनिज विभाग के निदेशक राजीव रंजन मीणा से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कोर्ट ने केवल रेत छोड़ने का आदेश दिया है, ईटीपी जारी करने का नहीं दिया. इस पर कोर्ट ने और नाराजगी जताई. साथ ही एक मई को होने वाली सुनवाई में खनिज विभाग के निदेशक के साथ ही डिप्टी डायरेक्टर संतोष पटेल और खनिज अधिकारी (भिंड) दिनेश सिंह को भी तलब कर लिया है. उल्लेखनीय है कि यह मामला 2014 से अटका पड़ा है, जिला भिंड निवासी रविमोहन त्रिवेदी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए 1.94 लाख क्यूबिक मीटर रेत के संबंध में ईटीपी जारी करने और सुपुर्दगी देने की गुहार लगाई थी.

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