80 साल के बुजुर्ग ने मनाया पहला बर्थडे, खुशी में काटा केक, खूब नाचे, फिर हुआ हैरान करने वाला हादसा
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Khargone News: मध्य प्रदेश के खरगोन शहर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे. शहर के पहाड़सिंह पुरा के रहने वाले रघुवंशी समाज के वरिष्ठ 80 साल के नारायण सिंह रघुवंशी ने जीवन में पहली बार अपना जन्मदिन मनाया था. रात 11 बजे तक उन्हें बधाई देने वालों का सिलसिला जारी रहा, लेकिन रात में कुछ ऐसा हुआ कि जिससे खुशियां मातम में बदल गईं. दरअसल 80 साल के बुजुर्ग रात में 3 बजे हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक खरगोन शहर के पहाड़सिंहपुरा निवासी रघुवंशी समाज के वरिष्ठ 80 वर्षीय नारायण सिंह रघुवंशी ने जीवन में पहली बार अपना जन्मदिन मनाया था, लेकिन उसी रात हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. खास बात यह है कि 12 बजे रात तक रघुवंशी समाज और योग टोली के सदस्य मित्र बधाई देने आते रहे, धूमधाम से बाजे गाजे के साथ नाचते हुए पहली बार 80 वर्षीय बुजुर्ग नारायण रघुवंशी ने जन्मदिन मनाया था. इस दौरान बकायदा मस्ती की योग टोली टीम के सदस्यों ने केक काटा, ढोल ताशो पर जमकर नाचे.
हार्ट अटैक से हुई बुजुर्ग की मौत
बुजुर्ग रघुवंशी ने भी जीवन में पहली बार उत्साह उमंग और पूरी मस्ती के साथ आपना जन्मदिन मनाया था. मौत के पहले जन्मदिन मनाने में कोई कसर नहीं रखी गई. जन्मदिन की देर रात 3 बजे अचानक हार्ट अटैक आया और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. समाजजन को उनके अचानक इस तरह चले जाने पर आश्चर्य हो रहा है. जन्मदिन पर समाज के वरिष्ठ और मस्ती की टोली के मनोज रघुवंशी, दिनेश रघुवंशी, मोहन रघुवंशी सहित सैकड़ों लोग बधाई देने पहुंचे थे.
जहां योग किया वहीं हुआ अंतिम संस्कार
बुजुर्ग का कुंदा स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया, जहां वे योग किया करते थे. अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर श्रद्धांजलि दी. रोज सुबह हनुमान मंदिर पर मस्ती की योग टोली के साथ योग करते थे. जीवन में कभी अपना जन्म दिन नहीं मनाया था. पहली बार योग टोली के साथियों ने उनके घर जाकर बाजे बजाकर और केक काटकर जन्मदिन मनाया था. जहां वे योग किया करते थे. वहीं उनका अंतिम संस्कार किया गया.
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साथियों को लगा गहरा सदमा
रघुवंशी समाज के वरिष्ठ और मस्ती की टोली के मनोज रघुवंशी ने बताया हमारे रघुवंशी समाज के सामजसेवी बुजुर्ग नारायण सिंह रघुवंशी स्वस्थ थे. उनकी दिनचर्या भी अच्छी थी. उम्र जरूर उनकी 80 साल थी लेकिन वो मस्ती की टोली में रोज सुबह 6 बजे शामिल होकर योग करते थे. 6 महीने से वह योग के साथ जुड़े हुए थे. योग के साथ जोड़ने के कारण में अलग ही ऊर्जा आ गई थी. किसी ने सोचा नहीं था कि जन्मदिन के दिन वो उन्हें बधाई देने जाएंगे और वो उसी दिन दुनिया से चले जाएंगे.
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