खरगोन: ऐसी क्या मजबूरी थी कि तिरपाल लगातार करना पड़ा बुजुर्ग मां का अंतिम संस्कार
ADVERTISEMENT
![खरगोन: ऐसी क्या मजबूरी थी कि तिरपाल लगातार करना पड़ा बुजुर्ग मां का अंतिम संस्कार Khargone: What was the compulsion that Tarpaulin had to perform the last rites of the elderly father](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202307/khargone-news-21-768x432.png?size=948:533)
Khargone News: मध्यप्रदेश के खरगोन में विकास के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. यहां ग्रामीणों को मौत के बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. गांव शमशान में शेड न होने के कारण बारिश में प्लास्टिक की तिरपाल पकड़कर ग्रामीणों को अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. आरोप है कि पूर्व सरपंच और सचिव ने टीन शेड की पूरी राशि निकाल ली थी, लेकिन शमशान घाट में शेड का काम नहीं कराया गया. इसी कारण भारी बारिश में ग्रामीणों को अंतिम संस्कार करने में काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है.
दरअसल खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर झिरन्या विकासखंड की ग्राम पंचायत पुतला के कटझिरा गांव में मजबूरी का एक अजीब मामला सामने आया है. गांव की 90 वर्षीय किसान महिला पारू बाई का निधन हुआ तो परिवार और ग्रामीणों के सामने दाहसंस्कार का संकट खड़ा हो गया.
मौत के बाद अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं
दरअसल कटझिरा गांव के पास कोई श्मशान शेड नहीं है. बारिश के कारण खुले में बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार करना बेहद मुश्किल था. ऐसे में बुजुर्ग महिला के परिजनों और ग्रामीणों ने प्लास्टिक की बड़ी तिरपाल की व्यवस्था की, ग्रामीणों ने लकड़ियों के सहारे और हाथ से तिरपाल को पकड़ा और अंतिम यात्रा नदी किनारे श्मशान घाट पर पहुंची. यहां पर गिरते पानी में इसी तरह शव दाह के लिए लकड़ियों को जमाया गया. शव की शैया तैयार होने के बाद गिरते पानी में अंतिम संस्कार की रस्म की गई फिर शव दाह के दौरान आग भड़की तो मजबूरन ग्रामीणों को प्लास्टिक की तिरपाल को ऊपर से हटाना पड़ी.
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
ये भी पढ़ें: BJP की अंतर्कलह नहीं हो रही खत्म. पूर्व विधायक ममता मीना ने जिला पंचायत अध्यक्ष को दी ये धमकी
नदी के पानी से बुझी चिता की आग
इस दौरान अचानक नदी में बाढ़ भी आ गई और बाढ़ का पानी जलती हुई शैया को बुझाते निकला. हालांकि 80 फीसदी शव जल चुका था. परिजनों ने मजबूरी में ऊपर से गिरते पानी और नदी में बाढ़ आने के दौरान अंतिम संस्कार किया. बुजुर्ग पारू बाई के दो बेटे जगदीश और रमेश हैं.
ADVERTISEMENT
शमशान शेड की निकल चुकी राशि…
ग्राम पंचायत पुतला सरपंच प्रतिनिधि पदम नायक ने बताया गांव की बुजुर्ग महिला की मौत के बाद बाजार से प्लास्टिक की तिरपाल लाकर किसान परिवार को अंतिम संस्कार करना पड़ा. उन्होंने बताया पूर्व के सरपंच सचिवों ने शमशान सेट नहीं बनाया उसकी राशि पहले ही निकाली जा चुकी है. मामले को लेकर जनपद पंचायत झिरनिया के सीईओ महेंद्र श्रीवास्तव का कहना है मुझे इसकी जानकारी अभी मिली है, इस मामले को चेक कराकर कार्यवाही करेंगे.
ADVERTISEMENT
ये भी पढ़ें: Sehore: लंपी वायरस के कहर के बीच बड़ी लापरवाही, धारा-144 लागू होने के बाद भी लगा दिया पशु मेला
ADVERTISEMENT