लोन से बचने के लिए युवक ने रची फर्जी किडनैपिंग की कहानी, छोड़ दिया शहर, फिर ऐसे हुआ खुलासा
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Bhopal Crime News: राजधानी भोपाल (Bhopal) में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. लोन (Loan) की किस्त चुकाने से बचने के लिए एक व्यक्ति ने अपना फर्जी अपहरण करवा लिया. फोन कर किडनैपिंग (Kidnapping) की मनगढ़ंत कहानी अपने सेठ को सुनाई. इतना ही नहीं अपने सेठ के जरिए पुलिस (Police) में अपने अपहरण की शिकायत करवा दी और फोन बंद कर चुपचाप फरार हो गया. पुलिस उसकी तलाश में रात-दिन एक कर रही थी, तब जाकर असलियत का खुलासा हुआ.
सूरज ने अपने अपहरण की झूठी कहानी रचकर सेठ को फोन किया. उसने फोन लगाकर कहा, “दुकान पर तीन व्यक्ति आये और कहने लगे कि कार की डिग्गी में टायर है उसे चैक कर लो फिर में चैक करने गया तो मुझे डिग्गी में पटक लिया और मुझे बांध दिया. मेरे साथ मारपीट की, मुझे गोली मारने की धमकी दी, मैं डिग्गी में से हाथ खोलकर फोन कर रहा हूं और कहां पर हूं यह जानकारी नहीं है.”
सेठ को सुनाई अपहरण की कहानी
सूरज साहू मिसरोद बीआरटीएस कॉरिडोर के पास स्थित टायर रिमोल्डिंग कंपनी में काम करता था. उसने कंपनी के मालिक विपिन बड़जात्या के बेटे को फोन कर अपहरण की झूठी कहानी सुनाई. जिसके बाद उन्होंने 23 जून को मिसरोद थाना जाकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई. मिसरोद थाने में अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों के जरिए सूरज का झूठ पकड़ा गया.
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ऐसे हुआ खुलासा
मिसरोद थाना प्रभारी आरबी शर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मामला दर्ज किया. सूरज साहू को अगवाह करने के सबंध में करीब 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया. वहीं एक टीम गठित की गयी. लगातार सूरज साहू के मोबाइल कॉल डिटेल तथा आईएसबीटी एवं रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर मिले सीसीटीवी फुटेज पुलिस चेक करती रही. सीसीटीवी में सूरज साहू अकेला जाता हुआ दिखाई दिया. अपने मुखबिर तंत्र के जरिए अपहृत सूरज साहू के बारे में और जानकारी जुटाने पर पता चला कि वह राजस्थान की रामगंज मण्डी में टायर रिमोडिंग कंपनी के कारखानों पर काम कर रहा है, जिसकी तलाश राजस्थान में की गई, लेकिन सूरज वहां नही मिला. वहीं मुखबिर से सूचना मिली कि सूरज धार जिले के पीथमपुर में स्थित इंडस्ट्रीयल एरिया मे काम कर रहा है. सूचना मिलने पर पुलिस पीथमपुर इंडस्ट्रीयल एरिया से सूरज साहू को अपने साथ ले आई.
इसलिए रची अपहरण की कहानी
सूरज ने पूछताछ करने पर बताया कि उसने तीन-चार अलग-अलग कंपनियों से लोन ले रखे थे और वह लोन की किस्त नहीं भर पा रहा था. इसलिये उसने योजना बनाई कि बाहर कहीं काम करने चला जाये और अपहरण की झूठी कहानी तैयार कर रिमोडिंग कंपनी के मालिक के जरिये फोन से झूठी कहानी रच दी कि उसको अज्ञात तीन व्यक्तियों द्वारा कार से अपहरण किया गया है और गोली मारने की बात कह रहे हैं. सूरज ने फिर यह झूठी कहानी रचकर मोबाइल फोन बंद कर लिया था और मजे से वहां पर काम करता रहा. यहां पर पुलिस उसकी तलाश में दिन रात एक करती रही.
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