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सीधी पेशाब कांड पर विरोध: इंदौर में प्रवेश शुक्ला के पुतले को दी गई फांसी, जमकर हुई नारेबाजी

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

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Protest against direct urination: Pravesh Shukla's effigy was hanged in Indore, slogans raised
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Indore News: मध्यप्रदेश के सीधी जिले में बीते दिनों एक शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. जिसके बाद से ही पूरे देश भर से आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई थी. वायरल वीडियो में  भाजपा नेता के प्रतिनिधि द्वारा दलित मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक पर पेशाब किया जा रहा था. वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही पूरे देश मे इसका विरोध किया जा रहा है, आज यूथ कांग्रेस द्वारा भाजपा नेता के प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला को लेकर अनूठा विरोध प्रदर्शन किया.

सीधी जिले में भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला द्वारा किए गए कृत्य को लेकर देशभर में दलित समाज सहित अन्य पार्टियां विरोध कर रही हैं. जहां प्रवेश शुक्ला पर सख्त कार्रवाई मांग की जा रही है. आज यूथ कांग्रेस द्वारा इंदौर के टंट्या मामा भील चौराहे पर आरोपी प्रवेश शुक्ला के पुतले को जूते चप्पलों की माला पहना कर उसे फांसी पर लटका दिया.  

आदिवासियों का सम्मान केवल दिखावा- यूथ कांग्रेस
इस दौरान यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शेम शेम के नारे भी लगाए. यूथ कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि मध्यप्रदेश में आदिवासी भाई बहनों पर लगातार अत्याचार बीजेपी के लोग करते आ रहे हैं. जिसका ताजा वाकया सीधी में घटना है .जहां एक आदिवासी भाई पर बीजेपी के विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला ने सरेआम पेशाब करने का काम किया है जो काफी शर्मनाक है. यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पूछना चाहता हूं क्या भाजपा आदिवासी लोगों का सम्मान करना केवल भाजपा सरकार का दिखावा है.

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वीडियो वायरल होने के प्रशासन सोया हुआ था
कि मुख्यमंत्री से मैं पूछना चाहता हूं कि आप सिर्फ आदिवासियों के हितेषी बनने की कोशिश कर रहे हैं, और केवल वोट बैंक का हासिल करना चाहते हैं. यह वीडियो 8 दिन पुराना है. जहां पुलिस प्रशासन 8 दिन से सोया हुआ था. कुछ समाज के वरिष्ठ लोगों ने इस वीडियो को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी थी.

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आदिवासी भाई-बहन इनका बोरिया बिस्तर समेट देंगे
आंदोलन और बढ़ते विरोध के कारण मुख्यमंत्री ने ताबड़तोड़ कार्रवाई है. आज ही आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर की केवल एक दीवार को ही हटाया गया है. पूरा मकान जमींदोज नहीं किया गया है. जबकि अन्य मामलों में आरोपियों का पूरा घर गिराया गया है. इस मामले में ऐसा क्यों नहीं कया गया. आदिवासियों का कहना है कि “आप केवल मामा भांजी बनने की कोशिश कर रहे हैं और यह नाटक करते हैं यदि आदिवासियों के हितेषी बनना चाहते हैं तो उनका पूर्ण रूप से सहयोग करें नहीं तो आने वाले चुनाव में आपका बोरिया बिस्तर आदिवासी भाई-बहन समेट देंगे.

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