Ratlam: बारिश के पानी से लबालब भरा अंडर ब्रिज, मरीज को खटिया पर लेटाकर पहुंचाया अस्पताल, लेकिन...
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न्यूज़ हाइलाइट्स
बीमार युवक को एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए उसे अर्थी की तरह ले जाना पड़ा
बारिश की वजह से अंडर ब्रिज पानी से लबालब भर गया है.
Ratlam News: बीमार व्यक्ति को अर्थी की तरह चारपाई पर लेटाकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. यह दर्दनाक तस्वीर रतलाम की है, जहां अंडर ब्रिज में 8-10 तक पानी भरने की वजह से ग्रामीणों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन तब हद हो गई, जब एक बीमार युवक को एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए उसे अर्थी की तरह ले जाना पड़ा, लेकिन देर होने की वजह से उसने दम तोड़ दिया.
बारिश के पानी से अंडर ब्रिज लबालब भरा था
भीलखेड़ी गांव के निवासी रातनलाल भाभर रविवार की शाम को अपने घर से खेत पर जाने के लिये निकले थे. रात को घर नहीं आये. सुबह उनके परिजनों को सूचना मिली कि वह खेत पर अचेत पड़े हुए हैं. परिजन पहुंचे. गांव से ट्रेक्टर में इलाज के लिये रतलाम लेकर जाने लगे, लेकिन रास्ते में अंडर ब्रिज पड़ गया, जो पानी से लबालब भरा हुआ था. अंडर ब्रिज में करीब आठ से दस फिट पानी भरा था, जिसके कारण कोई इधर से उधर नहीं जा सकता था.
चारपाई के सहारे एंबुलेंस तक पहुंचाया
मरीज के परिजन परेशान थे. एम्बुलेंस को बुलाया गया, लेकिन एंबुलेंस भी पानी की वजह एंबुलेंस अंडरब्रिज के उस पार खड़ी हुई थी. समस्या यह थी कि अचेत रतनलाल को उस पार कैसे ले जाया जाये, कोई विल्कप नहीं मिलने पर बीमार को चारपाई पर डाला गया और अर्थी की तरह कुछ व्यक्तियों ने कंधे पर डालकर अंडर ब्रिज में से निकाल कर एम्बुलेंस तक पहुंचाया. लेकिन इन लोगों की मेहनत पर पानी फिर गया. रातनलाल ने दम तोड़ दिया.
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रतलाम में डॉक्टरों ने रातनलाल को मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने लाने में हुई मुसीबत को देखा और अंतिम संस्कार भी रतलाम में ही करने का निर्णय किया. पीएम के बाद रातलनलाल के शव का अंतिम संस्कार रतलाम में करने के बाद परिजन अपने घर गांव भीलखेड़ी पहुंचे.
ग्रामीणों के लिए मुसीबत बना अंडर ब्रिज
रतलाम से इंदौर रेलवे लाइन के बीच पड़ने वाले रेलवे ट्रेक के बीच में से होकर निकलता है. रतलाम जिले के करीब पांच गांव ढीकवा, मसावड़िया, भीलखेड़ी आदि का रास्ता इन गांवों को जिला मुख्यालय रतलाम से जोड़ने के लिये बनी सड़क पर पहले रेलवे क्रॉसिंग बीच में थी, लेकिन रेलवे ने करीब पांच साल पहले रेलवे क्रॉसिंग बंद कर रेल पटरी के नीचे से अंडर ब्रिज बना दिया. अंडर ब्रिज बनने के बाद इन गांवों के लोगों की बारिश में मुसीबत शुरू हो गई. बारिश में अंडर ब्रिज में पानी भर जाता है, जिसके कारण लोगों को आवाजही में भारी परेशानी उठानी पड़ती है. इन गांवों के लोगों को करीब 15 से 20 किलोमीटर घूमकर रतलाम आना पड़ता है.
लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण
इस समस्या को दूर करने के लिए ग्रामीणों ने कई बार ग्राम पंचायत से लेकर बड़े जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया, लेकिन उनकी समस्या आज भी बनी हुई है. ग्रामीणों के मुताबिक अंडर ब्रिज जब बंद रहा था तभी रेलवे के अधिकारियों को इस तरह की समस्या होने के बारे में बताया गया था, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया. अब रेलवे अधिकारियो की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं.
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