शिक्षक पात्रता फर्जीवाड़ा: मुरैना में फर्जी तरीके से दिव्यांग बनकर हासिल की थी नौकरी, अब जाएंगे जेल?
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MP News: कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित की गई शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा में सामने आए दिव्यांग सर्टिफिकेट फर्जीवाड़े के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है. मुरैना की सिटी कोतवाली में इस मामले में 77 अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. लेकिन अब ये मामला और ज्यादा पेंचीदा हो गया है, क्योंकि इस अब अभ्यर्थियों के परिजनों ने ही सवाल खड़े करना शुरू कर दिए हैं.जबकि मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ने इस फर्जीवाड़े में डॉक्टरों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं. द
दरअसल मध्यप्रदेश में कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित की गई शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा में 1000 से अधिक दिव्यांग कोटे की भर्ती होनी थी, जिसमें 750 दिव्यांगों ने दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल की. लेकिन जब इस बात का खुलासा हुआ कि अकेले मुरैना जिले से ही ढाई सौ से अधिक दिव्यांगों ने दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर दिव्यांग कोटे में नौकरी हासिल कर ली है तो यह दिव्यांग कोटे की भर्ती संदेह के दायरे में आ गई.
नौकरी के लिए बने दिव्यांग
दिव्यांग संघ के मध्य प्रदेश प्रभारी हेमंत कुशवाहा ने मुरैना के जिला कलेक्टर समेत निशक्तजन कल्याण आयुक्त को इस बात की शिकायत की थी कि पैसों के दम पर फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाकर दिव्यांग कोटे में कुछ लोगों ने नौकरी हासिल कर ली है. इस वजह से असली दिव्यांगों का हक मारा जा रहा है. इसलिए इसमें निष्पक्ष जांच की जाए. यह शिकायत मिलने पर निशक्त कल्याण आयुक्त ने दिव्यांग कोटे से भर्ती होने वाले सभी अभ्यर्थियों के दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच करवाने के लिए लोक शिक्षण संचनालय के आयुक्त को पत्र लिखा. जिसके बाद लोक शिक्षण संचनालय के आयुक्त ने जिला कलेक्टर मुरैना को मुरैना जिले से बनाए गए दिव्यांग सर्टिफिकेट के जांच करने के आदेश दिए.
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77 अभ्यर्थियों पर दर्ज हुई एफआईआर
जब मुरैना में दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच हुई और जांच में 77 अभ्यार्थियों के दिव्यांग सर्टिफिकेट फर्जी पाए जाने पर जिला शिक्षा विभाग द्वारा सिटी कोतवाली में 77 अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज करवाई गई. कलेक्टर अंकित अस्थाना ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्य शिक्षा केंद्र ने जो भर्ती कराई उनमें से 257 अभ्यर्थियों ने अकेले मुरैना जिले से सर्टिफिकेट लगाए थे. जांच में 77 ऐसे अभ्यर्थी पाए गए जिनका मेडिकल बोर्ड की पंजी में कोई रिकॉर्ड नहीं था, इसलिए इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इस मामले में मुरैना एसपी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त शिकायत के आधार पर 77 लोगों पर एफ आई आर दर्ज कर ली है लेकिन अभी जांच चल रही है और किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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असली दिव्यांग वेटिंग में हैं
दिव्यांग संघ प्रदेश प्रभारी हेमंत कुशवाह का कहना है कि फर्जीवाड़ा बहुत दिनों से हो रहा था हमने आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त की. जो वास्तविक विकलांग हैं वे वेटिंग में हैं और जो विकलांग नहीं हैं, उन्होंने सर्टिफिकेट बनवा कर नौकरी हासिल कर ली है. मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष पवन परिहार ने कहा, “दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो दिव्यांग शिक्षकों के खिलाफ जो एफआईआऱ हुई है इसकी पूरी जांच हो उन्होंने सील घर पर नहीं बनाई है कहीं से तो वह आए होंगे या तो शिक्षक दोषी होंगे या डॉक्टरों की टीम दोषी होगी. कोई भी दोषी हो सकता है. मैं दोषियों के विरोध में हूं. हमने जिलाधीश महोदय को ज्ञापन दिया है. मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो.”
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