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विंध्‍य फिल्‍म फेस्टिवल में ‘V3: विंध्‍य विक्टिम वर्डिक्‍ट’ को मिले बेस्‍ट फीचर फिल्‍म समेत 3 अवार्ड

एमपी तक

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Vindhya Film Festival, Sidhi District News, MP News, V3: Vindhya Victim Verdict
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Vindhya Film Festival:  मध्यप्रदेश के सीधी जिले में तीन दिवसीय विंध्य फिल्म फेस्टिवल का समापन हो गया है. फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फीचर फिल्म का अवार्ड ‘V3: विंध्‍य विक्टिम वर्डिक्‍ट’ को मिला है. 3 अन्य कैटेगरी में भी इस फिल्म को अवार्ड मिले हैं. इस फिल्म फेस्टिवल में मुंबइया सिनेमा से इतर अलग-अलग हिस्सों में फिल्म मेकिंग कर रहे मेकर्स को अपनी फिल्में दिखाने का मौका मिला.

तमिल फिल्‍म डायरेक्‍टर अमुधवन पी की फिल्‍म ‘V3: विंध्‍य विक्टिम वर्डिक्‍ट’ ने नेशनल कैटगरी में बेस्‍ट फीचर फिल्‍म समेत अपनी झोली में तीन पुरस्‍कार झटके. इस फिल्‍म को बेस्‍ट डायरेक्‍शन और बेस्‍ट एक्‍टर-फीमेल (पवना गौरा) अवार्ड भी मिला. वहीं, इंटरनेशनल कैटगरी में ग्रैंडसन बेस्‍ट फीचर फिल्‍म अवार्ड अपने नाम करने में कामयाब रहीं. म्‍यूजिक वीडियो कैटगरी में ‘तोहोरा’ पहले नंबर पर रही, दूसरे नंबर पर टेक यू थ्री, जबकि पोन्नियन सेल्‍वन तीसरे नंबर पर रही.

भगत सिंह के जीवन के अंतिम पलों पर आधारित फिल्‍म ‘द लास्‍ट मील’ ने ऑडिएंश चॉइस अवार्ड अपने नाम किया. फिल्‍म का निर्देशन किया है केतकी पांडेय ने, जबकि फिल्‍म में इश्तियाक खान जैसे मंझे अभिनेता ने अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीत लिया.अवार्ड सेरेमनी में मुख्य अतिथि जाने-माने रंगकर्मी गिरिजा शंकर, विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह के हाथों फिल्मकारों को ट्रॉफी प्रदान की गई.

इंद्रावती नाट्य समिति के निदेशक और फिल्‍म फेस्टिवल के संयोजक नीरज कुंदेर सीधी ने स्थानीय लोगों का हृदय से आभार जताते हुए कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद सीधी के लोगों की वजह से इतना बड़ा कार्यक्रम लगातार सफल होता आ रहा है. उन्होंने देश-विदेश से आए फिल्मकारों का भी धन्यवाद किया. वहीं, फेस्टिवल डायरेक्‍टर प्रवीण सिंह चौहान ने कहा कि सीधी जैसे छोटे शहर में इस तरह के आयोजन की कल्पना करना भी बेहद मुश्किल था. 5 साल पहले जब हमने इस फेस्टिवल की शुरुआत की थी, तब तमाम दिक्कतें थीं, आज भी कई तरह की चुनौतियां आती हैं, लेकिन वे ही हमें मांझती भी हैं.

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हिंदुस्‍तानी सिनेमा का झंडा बुलंद कर रहे युवा फिल्‍ममेकर्स

तीसरे और अंतिम दिन जाने माने रंगकर्मी गिरिजा शंकर की अध्‍यक्षता में एक अहम सत्र का आयोजन हुआ. इस सत्र में विशेष वक्‍ता जाने माने फिल्‍म पत्रकार और समीक्षक अजीत राय ने बताया कि कैसे गिरिजा शंकर से मिलने के बाद उनके जीवन की दिशा बदल गई. जैसे चंद्रगुप्‍त को चाणक्‍य और विवेकानंद को रामकृष्‍ण परमहंस मिले थे, वैसे ही उन्‍हें बड़े नसीब से गिरिजा शंकर मिले.

अजीत राय ने कहा कि मुंबइया सिनेमा एक टापू है और ये हिंदुस्‍तानी सिनेमा का बेहद छोटा सा हिस्‍सा है. मुंबई के बाहर जो सिनेमा बन रहे हैं, खासकर क्षेत्रीय भाषाओं में, असल कमाल वही कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि फीचर फिल्‍म में भले ही हिंदुस्‍तानी सिनेमा पीछे हो, लेकिन डॉक्‍यूमेंट्री में भारत का सिक्‍का विश्‍वफलक पर बोलता है. उन्‍होंने दिल्ली के प्रदूषण पर राहुल जैन की फिल्‍म इ‍नविजिबल डेमोंस का जिक्र करते हुए कहा कि इस फिल्‍म ने अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर देश का नाम रौशन किया. ये फिल्‍म कांस फिल्‍म फेस्टिवल में दिखाई गई और बर्लिन ने स्‍पेशल परमिट देकर बुलाया गया. अजीत राय ने कहा कि युवा फिल्‍ममेकर्स अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर हिंदुस्‍तानी सिनेमा का झंडा बुलंद कर रहे हैं.

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जानिए किन फिल्‍मों को किस कैटगरी में मिला अवार्ड?

फीचर फिल्‍म (नेशनल कैटगरी)

यौन शोषण पर अपने तरह की अनोखी तमिल फिल्‍म ‘V3: विंध्‍य विक्टिम व‍र्डिक्‍ट’ को बेस्‍ट नेशनल फीचर फिल्‍म का अवार्ड मिला. इस फिल्‍म ने 2 और अवार्ड अपने नाम किए. नेशनल कैटगरी में दिलीप हरनारायण दीक्षित की फीचर फिल्‍म मीरा दूसरे नंबर पर रही, जबकि सिद्धुपूर्णा चंद्रा की ‘तारिणी’ तीसरे नंबर पर रही. इसी कैटगरी में निपुण धोलुआ की फिल्‍म ‘मुझे स्‍कूल नहीं जाना’ को स्‍पेशल ज्‍यूरी अवार्ड मिला.

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फीचर फिल्‍म (इंटरनेशनल कैटगरी)

इंटरनेशनल कैटगरी में तैमूर गेराफूडिनोव की ग्रैंडसन को बेस्‍ट फीचर फिल्‍म का अवार्ड मिला. एनरिको सेलर की फिल्‍म द डार्क गर्ल दूसरे नंबर पर रही.

मध्‍य प्रदेश के इन फिल्‍मकारों ने किया कमाल

स्‍टेट फोकस (मध्‍य प्रदेश) कैटगरी में रोहित पाटीदार की शॉर्ट फिल्‍म पापी को बेस्‍ट शॉर्ट फिल्‍म का अवार्ड मिला, जबकि राघव परमार की ‘ए टेल ऑफ टू इंडियंस’ दूसरे नंबर पर रही. कनुप्रिया गुप्‍ता की फिल्‍म आउटरे को स्‍टेट फोकस कैटगरी में स्‍पेशल ज्‍यूरी फीचर फिल्‍म का अवार्ड मिला.

सागर के सरस्‍वती पुस्‍कालय और वाचनालय पर केंद्रित राहुल पांडेय की डॉक्‍यूड्रामा फिल्‍म आद्या को स्‍टेट फोकस कैटगरी में बेस्‍ट डॉक्‍यूमेंट्री अवार्ड मिला. सागर दास की नर्मदा दूसरे नंबर पर रही, जबकि तीसरे नंबर पर रही शुभम नेवारे की डॉक्‍यूमेंट्री- 47′ 42 जीप्‍स ऑफ भोपाल.

फीचर डॉक्‍यूमेंट्री (इंटरनेशनल कैटगरी)

इंटरनेशनल कैटगरी में हेजल गुरलैंड और पोलर की फिल्‍म स्‍टॉर्मिंग सीजर पैलेस को बेस्‍ट फीचर डॉक्‍यूमेंट्री का पुरस्‍कार मिला. दूसरे नंबर पर रही, मिहाई पीटर ग्रोसू की एमिनेस्‍क्‍यू एंड शेर्नोवत्‍सी और तीसरे नंबर पर रही रिचर्ड सिल्‍वर की
लुक अप नॉट डाउन. एना लिओनीडेना की इन द फुटस्‍टेप ऑफ अलेक्‍जेंडर नेवेस्‍की को स्‍पेशल ज्‍यूरी फीचर डॉक्‍यूमेंट्री का पुरस्‍कार मिला.

फीचर डॉक्‍यूमेंट्री (नेशनल कैटगरी)

नेशनल कैटगरी में बेस्‍ट फीचर डॉक्‍यूमेंट्री का अवार्ड मिला, विदित रॉय और मकरंद वायकर की फिल्‍म ‘माय रेडियो, माय लाइफ’ को. दूसरे नंबर पर रही, सौमित्रा सेन की ‘नो वॉटर लैंड’.

शॉर्ट डॉक्‍यूमेंट्री (नेशनल)

सौम्‍या श्रीवास्‍तव की फिल्‍म कोलम को नेशनल कैटगरी में बेस्‍ट शॉर्ट डॉक्‍यूमेंट्री का पुरस्‍कार मिला. सोमनाथ मंडल की दुखु मांझी को इसी कैटगरी में सेकेंड, जबकि चंदेरी सिल्‍क पर आधारित कन्‍नड़ फिल्‍ममेकर गौरी श्रीनिवास की फिल्‍म द वुवेन मोटिफ्स ऑफ चंदेरी को थर्ड बेस्‍ट शॉर्ट डॉक्‍यूमेंट्री अवार्ड मिला. इसी कैटगरी में भरतेश जैन की ‘तंबूरा तान ले बंदे’ को स्‍पेशल ज्‍यूरी अवार्ड मिला.

शॉर्ट डॉक्‍यूमेंट्री (इंटरनेशनल)

इंटरनेशनल कैटगरी में एना बोहलमार्क की ‘बिग सोशल नोमाड’ को बेस्‍ट शॉर्ट डॉक्‍यूमेंट्री का अवार्ड मिला. लियान रैम की एना इज एंग्री एंड बुद्धा लॉफ्स को इसी कैटगरी में बेस्‍ट ज्‍यूरी अवार्ड मिला.

शॉर्ट फिल्‍म (नेशनल)

विनीश पेरुमपिली की फिल्‍म चिथिका को नेशनल कैटगरी में बेस्‍ट शॉर्ट फिल्‍म का अवार्ड मिला. पवित्र वर्मा की फिल्‍म इप्‍सा दूसरे नंबर पर रही, जबकि विजय पांडुरंग की व्‍यर्थ तीसरे नंबर पर रही. हाहानवाज बकल की फिल्‍म ‘द हिंदू बॉय’ और कुणाल श्रीवास्‍तव की द मर्चेंट ऑफ विनाशा’ को बेस्‍ट ज्‍यूरी अवार्ड मिला.

शॉर्ट फिल्‍म (इंटरनेशनल)

माया इवानोवा और कोसेव की फिल्‍म ल्‍यूबिमा को इंटरनेशनल कैटगरी में बेस्‍ट शॉर्ट फिल्‍म का अवार्ड मिला. आर्मिन एलिक की डोजो दूसरे नंबर पर रही, जबकि बांग्‍लादेशी फिल्‍म मेकर शहादत सागर की ‘ए नाइट इन द पार्क’ तीसरे नंबर पर रही. एना फ्लोर्स की फ्रे को बेस्‍ट ज्‍यूरी अवार्ड मिला.

फीचर फिल्‍म: एक्टिंग एंड टेक्निकल

बेस्‍ट डायरेक्‍टर- अमुधवन पी (V3: विंध्‍य विक्टिम वर्डिक्‍ट)
बेस्‍ट डायरेक्‍टर (फीचर डॉक्‍यूमेंट्री)- हेजल गुरलैंड-पूलर (स्‍टॉर्मिंग सीजर्स पैलेस)
बेस्‍ट स्‍टोरी- दिलीप हरिनारायण दीक्षित (मीरा)
बेस्‍ट एक्‍टर (Female)- पवना गौरा (V3: विंध्‍य विक्टिम वर्डिक्‍ट)
बेस्‍ट चाइल्‍ड आर्टिस्‍ट- कैथरीन धोलुआ (मुझे स्‍कूल नहीं जाना)

शॉर्ट फिल्‍म: एक्टिंग एंड टेक्निकल

बेस्‍ट डायरेक्‍टर- विनीश पेरुमपिली (चिथिका)
बेस्‍ट स्‍टोरी- विजय पांडुरंग (व्‍यर्थ)
बेस्‍ट एक्‍टर (Male)- भास्‍कर (कैनवास)
बेस्‍ट एक्‍टर (Female)- पूजा भामरा (इप्‍सा)
बेस्‍ट सिनेमैटोग्राफी- आश्रय राव (इप्‍सा)
बेस्‍ट एडिटिंग- अभिनव छावड़ा और चिन्‍मय पांडेय (अवेकनिंग ऑफ रॉक)

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