अजब MP में गजब फैसला: दो पत्नियों के बीच बांटा गया पति, हफ्ते में 3-3 दिन दोनों के पास; 1 दिन की राहत

सर्वेश पुरोहित

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Amazing decision of the court for two wives of one husband husband will be divided 3-3 days a week Who will get Sunday
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OMG News: मध्य प्रदेश वास्तव में अजब-गजब है. यहां पर हर रोज कुछ ऐसी खबरें आती हैं, जो हटकर होती हैं. ऐसी ही एक चौंकाने वाली खबर ग्वालियर से आई है, जहां की फैमिली कोर्ट ने एक पति और उसकी दो पत्नियों को लेकर अनोखा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पति का दोनों पत्नियाें के बीच बंटवारा कर दिया है. आप भी चौंक गए होंगे कि आखिर पति का बंटवारा कैसे? हम समझाते हैं, दरअसल, कोर्ट ने पति को 3 दिन एक और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने का आदेश सुनाया है. हैरान करने वाली बात ये है कि संडे को पति राहत दी गई है. इस दिन उसकी अपनी मर्जी होगी कि वह किसी पत्नी के साथ रहना चाहेगा. इतना ही नहीं कोर्ट ने पति की सैलरी भी बांटी है. वह भी दोनों पत्नियों को आधी-आधी मिलेगी.

जानकारी के मुताबिक, ग्वालियर निवासी एक युवक हरियाणा के गुरुग्राम में मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करता है. वर्ष 2018 में उसकी शादी हुई थी. इसके बाद 2020 में देशभर में लॉकडाउन लग गया. युवक अपनी पत्नी को ग्वालियर में उसके मायके में छोड़ कर वापस गुरुग्राम आ गया. लॉकडाउन हटने के बाद वह पत्नी को लेने नहीं आया, इस दौरान शख़्स ने ऑफिस में काम करने वाली महिला से दूसरी शादी कर ली.

लॉकडाउन हटने के बाद जब पति घर नहीं आया तो उसकी पहली पत्नी खुद ही गुरुग्राम स्थित पति की कंपनी के दफ्तर पहुंच गई, जहां पति की सच्चाई का खुलासा हुआ. बाद में दोनों के बीच जमकर विवाद हुआ और मामला फैमिली कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दोनों को अपनी तनख्वाह के आधे-आधे पैसे भी देना होंगे. खास बात यह है कि दोनों पत्नियों के एक-एक संतान भी है.

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ये है पूरी कहानी
कुटुंब न्यायालय के काउंसलर हरीश दीवान ने बताया कि गुड़गांव में सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक युवक की शादी ग्वालियर की लड़की से 2018 में हुई थी. शादी के दो साल तक दोनों में बेहतर संबंध रहे. इस दौरान उन्हें एक बेटा हुआ. इसके बाद युवक गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने चला गया और दो साल तक अपनी पहली पत्नी के पास नहीं आया. गुरुग्राम में कार्यस्थल पर उसकी एक अन्य युवती से मुलाकात हुई. दोनों लिव इन रिलेशन में रहने लगे हैं.

इस दौरान युवती एक लड़की की मां बन गई. जब दो साल तक ग्वालियर की अपनी विवाहित पत्नी को युवक लेने नहीं आया तब उसे और उसके घर वालों को दाल में कुछ काला लगा. पहली पत्नी और उसके परिवार के लोगों ने जब गुरुग्राम जाकर पड़ताल की तो पता चला कि युवक अन्य युवती के साथ पति-पत्नी की तरह रह रहा है और उनके संतान के रूप में एक लड़की भी है. इसके बाद पति और दोनों पत्नियों के बीच विवाद शुरू हो गया.

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पत्नियों को देनी होगी आधी-आधी सैलरी
पहली पत्नी ने ग्वालियर के फैमिली कोर्ट में धारा 125 के तहत भरण पोषण का दावा पेश किया. इस बीच फैमिली कोर्ट की सलाह पर दोनों पत्नियों और पति के बीच काउंसलिंग की गई. अभिभाषक हरीश दीवान ने इस मामले में दोनों युवतियों और उनके पति को समझाया और दोनों को ही साथ रहने की सलाह दी. इस पर ना-नुकुर के बाद दोनों युवतियां युवक के साथ रहने के लिए तैयार हो गईं. यह तय किया गया कि युवक की जो डेढ़ लाख सैलरी है, उसमें से आधी आधी हर महीने दो पत्नियों को मिलेगी. साथ ही दोनों के लिए अलग-अलग फ्लैट भी खरीदे जाएंगे.

इसके अलावा पति के बंटवारे के रूप में तीन तीन दिन दोनों पत्नियों के यहां रहेगा. रविवार का दिन पति स्वेच्छा से किसी भी घर में रह सकता है. काउंसलिंग की पहल पर फ ने भी अपनी मुहर लगा दी है. युवक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और किसी एमएनसी में पदस्थ है. युवक ने दोनों पत्नियों के नाम एक-एक फ्लैट कर दिया है.

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