साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल अमजद खान मंसूरी, गाय को रोटी खिलाने के बाद करते हैं भोजन
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Positive Story: गुना के अमजद खान मंसूरी सामप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बने हुए हैं. यूं तो आपको इस पंथनिरपेक्ष देश में कई लोग मिल जाएंगे जो सभी धर्मों को बराबर सम्मान देने का दावा करते हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय से वास्ता रखने वाले अमजद खान मंसूरी ने अपने व्यवहार से हर समुदाय के लोगों के दिलों में जगह बनाई है. वे खुद से पहले गौ माता को खाना खिलाते हैं.
वे न सिर्फ हिंदू और मुस्लिम धर्म को मानते हैं बल्कि हर धर्म को बराबर सम्मान देते हैं. जब दीपावली आती है तो अमजद घर को दीपक से रौशन करते हैं, होली में वे हिंदू भाइयों के साथ मिलकर होलिका दहन करते हैं और गुलाल लगाते हैं. अमजद मंदिर में भगवान के दर्शन करते हैं. भगवान को झुककर दंडवत प्रणाम करते हैं, तो वहीं गुरुद्वारे में जाकर गुरुग्रन्थ साहिब के सामने माथा भी टेकते हैं.
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राष्ट्र को देते हैं प्रथम स्थान
सभी धर्मों को मानने वाले अमजद खान मंसूरी राष्ट्र को प्रथम स्थान देते हैं. सिर्फ पूजा-पाठ या धर्मनिरपेक्ष होने का कोरा दावा नहीं करते, बल्कि उनका व्यक्तित्व इस सब को साबित करता हुआ नजर आता है. अमजद सबसे पहले हिन्दू धर्म में पूजनीय गाय को रोटी खिलाते हैं, उसके बाद खुद भोजन करते हैं. अपने व्यवहार से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले अमजद हर दिल अज़ीज हैं.
सभी धर्म को बराबर मानते हैं
अमजद खान मंसूरी बताते हैं कि उनके लिए हिन्दू-मुस्लिम सभी धर्म बराबर हैं. वे हर इंसान को अपना भाई समझते हैं. अमजद सभी त्यौहारों को मनाते हैं. वे राष्ट्र प्रेम को सबसे पहले स्थान देते हैं. अमजद खान मंसूरी का भाईचारा और प्रेम उन्हें लोगों के करीब रखता है. अमजद दूसरों के दुख-सुख में हमेशा साथ खड़े दिखाई देते हैं. सामाजिक भाईचारे की इस मिसाल को अमजद बरसों से कायम रखे हुए हैं.
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