हाईकोर्ट की फटकार के बाद राइट टाइम हुए डॉक्‍टर, हड़ताल खत्मकर काम पर लौटे

एमपी तक

04 May 2023 (अपडेटेड: May 4 2023 8:01 AM)

Mp News: मध्यप्रदेश में सरकारी डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली है. डॉक्टरों ने हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश के बाद काम पर लौटने का फैसला लिया है. मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने इसकी पुष्टी की है. उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं. […]

Reprimanded by the High Court, doctors' strike ends, orders to return to work immediately

Reprimanded by the High Court, doctors' strike ends, orders to return to work immediately

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Mp News: मध्यप्रदेश में सरकारी डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली है. डॉक्टरों ने हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश के बाद काम पर लौटने का फैसला लिया है. मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने इसकी पुष्टी की है. उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं. MP में हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध बताया और कहा- तत्काल काम पर लौटे. पूरे प्रदेश भर में 15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर्स कर रहे हड़ताल थे. जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. ग्वालियर में इलाज न मिलने के कारण एक मरीज की मौत का मामला भी सामने आया है.

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प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टरों के एक साथ हड़ताल पर जाने के चलते बुधवार को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं पर काफी असर पड़ा था. मरीज और उनके परिजनों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ी थी. बुधवार को होने वाले कई ऑपरेशन और सर्जरी को भी टालना पड़ा था. साथ ही सीरियस मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों में भी रेफर करना पड़ा

हाईकोर्ट की फटकार
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में जारी डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर तत्काल काम पर लौटे. डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें. हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आगे से बिना अनुमति हड़ताल नहीं करें. भविष्य में टोकन स्ट्राइक को भी हाईकोर्ट ने अवैध बताया है. याचिका पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने लगाई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हड़ताल पर सख्ती दिखाई है. जिसके बाद डॉक्टरों ने हडताल वापस ले ली है.

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मरीजों पर हड़ताल का बड़ा असर
मध्यप्रदेश के 15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर बुधवार से हड़ताल पर चले गए थे. हड़ताल का असर भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दिखाई दिया. गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज ज्यादा परेशान हैं. हालात ऐसे हैं कि प्रदेश के 12 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भर्ती 228 मरीजों के ऑपरेशन बुधवार को टाल दिए गए हैं. कई जगह आयुष कर्मचारियों के भरोसे ही अस्पताल छोड़ दिया गया. मरीजों को इस हड़ताल से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

हर हाल में डॉक्टरों की मांगों पर पहल करेंगे- सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि हमने सभी मांगे मान ली है. कुछ ही मांग बची है, वन प्लस थ्री की मांगे मानी है. सभी डॉक्टरों को हाईकोर्ट के निर्णय के बाद काम पर लौटना चाहिए. उनके निर्देश और गरीबों की इलाज के लिए काम पर लौटना चाहिए.

अस्पताल के बाहर हड़ताल पर बैठे
इससे पहले हड़ताल खत्म कराने के लिए मंगलवार रात करीब 8 बजे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के आवास पर बैठक हुई. इसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सक संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे. करीब एक घंटे चली बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई. डॉक्टरों ने केंद्र सरकार के समान डीएसीपी (डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोसेस) योजना लागू करने समेत अपनी मांगों के पूरा करने की बात कही.

इस पर मंत्री ने कहा कि कमेटी से एक-दो मीटिंग और कर लेते हैं, इसके बाद फैसला लेंगे. डॉक्टरों ने कहा कि बैठक करते-करते तो चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी. यह कहकर वो बैठक से बाहर निकल आए.

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