लाखों में सैलरी, फिर भी सेहरा बांध दूल्हे ने बैलगाड़ी पर निकाली बारात, लोग बोले- गजब कर दिया…

उमेश रेवलिया

07 May 2023 (अपडेटेड: May 7 2023 2:38 PM)

Khargone News:  खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर बड़वाह थाना क्षेत्र के बड़ेल गांव में अनूठी बारात निकली जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई. खंडवा के रहने वाले युवक ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए कुछ अलग ही तरीके बारात निकाली. बारात निकालने बाद पूरे क्षेत्र में बारात चर्चा […]

Salary in lakhs, yet Sehra dam bridegroom took out procession on bullock cart, people said - you have done amazing...

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Khargone News:  खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर बड़वाह थाना क्षेत्र के बड़ेल गांव में अनूठी बारात निकली जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई. खंडवा के रहने वाले युवक ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए कुछ अलग ही तरीके बारात निकाली. बारात निकालने बाद पूरे क्षेत्र में बारात चर्चा होने लगी. चर्चा भी भला क्यों न हो क्योंकि बारात किसी लग्जरी बस या गाड़ी से नहीं बल्कि 35 ट्रैक्टरों पर पहुंची गांव तक है. यही नहीं दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर अपनी दुल्हन को लेने पहुंचा.

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दरअसल बारात के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं. जिसमे दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर पीछे-पीछे 35 ट्रेक्टरों पर बाराती दुल्हन को ब्याहने जा रहे हैं. बड़ेल गांव के धीरज परिहार की शादी ग्राम की ही एक युवती के साथ तय हुई थी. दूल्हे की सोच थी कि जिस तरह भगवान शिव ने नंदी पर सवार होकर बरात निकाली थी, उसी तरह वो भी कुछ अलग तरीके से बरात निकाले, इस तरह ट्रैक्टर और बैलगाड़ी पर इतने बड़े काफिले के साथ निकली बारात चर्चा का विषय बनी हुई है.

अनोखी शादी की चर्चा पूरे क्षेत्र में
दूल्हा धीरज बैंगलुरु में आईटी कंपनी एक अच्छी खासी जॉब करते हैं, और पिता किसान हैं, इसीलिए उसने अपनी बारात अपने ही खेत से शुरू की और दुल्हन के घर तक अनोखे ढंग से पहुंचा. दुल्हन भी बड़ेल गांव के ही रहने वाले किसान देवीसिंह काग की पुत्री भाग्यश्री थी. 35 ट्रैक्टरों पर करीब 150 बाराती सवार थे. ट्रैक्टर के करीब एक किलोमीटर लम्बे काफिले के साथ निकली बारात को देख गांव में लोग भी हैरान रह गए थे.

किसान की पहचान ट्रैक्टर और बैलगाड़ी
ये शादी अब चर्चा का विषय बनी हुई है. दूल्हे धीरज के किसान पिता सीताराम परिहार का कहना है, बीते एक महीने से वे धीरज की शादी की तैयारियों में लगे हुए थे. उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर और बैलगाड़ी ही एक किसान की पहचान होती है, इसीलिए उनके मन में विचार आया और ट्रैक्टरों की लम्बी बारात लेकर बेटे धीरज की बारात निकालने का प्लान बनाया लेकिन धीरज की चाहत थी, कि वो भगवान शिव की तरह नंदी पर सवार होकर निकले इसलिए ट्रेक्टर के काफिले के आगे बेटे धीरज को दूल्हा बनाकर बैलगाड़ी पर सवार किया गया था.

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