नरसिंहपुर: आशुतोष राणा ने दद्दा जी की याद में करवाई भागवत कथा, कलश यात्रा निकाली

अनुज ममार

22 Jan 2023 (अपडेटेड: Jan 22 2023 7:25 AM)

Narsinghpur News: नरसिंहपुर जिले के नर्मदा तट हरिहर आश्रम सतधारा घाट बरमान में श्रीमद् भागवत पुराण का आयोजन शनिवार को कलश यात्रा से प्रारंभ हुआ. सात दिवसीय कथा महायज्ञ गृहस्थ संत स्वर्गीय पंडित देव प्रभाकर शास्त्री एवं गुरू माताजी स्व जिज्जी की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहा है. शनिवार को आशुतोष राना सहित अन्य […]

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Narsinghpur News: नरसिंहपुर जिले के नर्मदा तट हरिहर आश्रम सतधारा घाट बरमान में श्रीमद् भागवत पुराण का आयोजन शनिवार को कलश यात्रा से प्रारंभ हुआ. सात दिवसीय कथा महायज्ञ गृहस्थ संत स्वर्गीय पंडित देव प्रभाकर शास्त्री एवं गुरू माताजी स्व जिज्जी की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहा है. शनिवार को आशुतोष राना सहित अन्य यजमानों द्वारा नर्मदा घाट से जल लेकर कलश पूजन कर शोभायात्रा निकालकर वैदिक रीति नीति से श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ हुआ. कथा व्यास पं. शिवप्रसाद उपाध्याय शास्त्री के द्वारा पं. तनय कृष्ण महाराज के पावन सानिध्य में कथा यजमान फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा एवं उनकी मित्र मंडली सहित हरिहर शिष्य मंडल के विनीत भाव से संपूर्ण आयोजन शुरू हुआ.

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श्रीमद् भागवत कथा महापुराण का श्रवण करने के लिए दूरदराज अन्य जिलों और स्थानीय श्रद्धालुजन कथा पंडाल में भक्ति भाव से कथा सुनकर पुण्य लाभ अर्जित करेगे. कथा 21 जनवरी से 27 जनवरी तक चलेगी, जिसमे 28 जनवरी नर्मदा जयंती को भंडारा के साथ सायं काल को नर्मदा पूजन दीपदान और आरती का आयोजन किया जाएगा. कथा में प्रवचन दोपहर 01.00 बजे से प्रतिदिन किए जाएंगे.

आशुतोष राना को गृह जिले से है लगाव
फिल्म अभिनेता और साहितकार आशुतोष राना का नरसिंहपुर गृह जिला है. उनका जन्म गाडरवारा में हुआ, आशुतोष राणा का अपने जिले और पुराने मित्रों से काफी लगाव है. समय समय पर जिले में आकर कार्यक्रमों में सामिल होते है और मित्र मंडली के साथ अपन समय बिताते है.

धार्मिक आयोजनों से आशुतोष का है पुराना नाता
आशुतोष राना का धार्मिक आयोजनों से काफी लगाव है. आशुतोष के गुरु पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा शिवलिंग निर्माण एवम धर्म सम्मलेन के अनेक आयोजन देश के अनेक स्थानों पर पूर्व समय में आयोजित हुए. जहां आशुतोष राना अपना समय निकाल कर सामिल हुआ करते थे. आशुतोष राना अपनी उपलब्धि का श्रेय भी गुरु देव प्रभाकर शास्त्री को देते हैं. उसी क्रम में गुरुदेव और गुरु माता की स्मृति श्रीमद भागवत कथा का आयोजन नर्मदा तट पर आयोजित किया गया है.

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