भोपाल से सटे जंगलों में लगाते थे ट्रेनिंग कैंप, संदिग्ध आतंकी का ATS से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा

रवीशपाल सिंह

10 May 2023 (अपडेटेड: May 10 2023 12:10 PM)

Bhopal Crime News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते मंगलवार को एक आतंकी मॉड्यूल के संदेही ने एटीएस से पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. मध्यप्रदेश एटीएस की टीम ने केंद्रीय जांच एजेंसी और तेलंगाना पुलिस की मदद से 16 संदेहियों को अलग-अलग जगहों से पकड़ा, जिनके कट‌्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़े होने […]

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Bhopal Crime News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते मंगलवार को एक आतंकी मॉड्यूल के संदेही ने एटीएस से पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. मध्यप्रदेश एटीएस की टीम ने केंद्रीय जांच एजेंसी और तेलंगाना पुलिस की मदद से 16 संदेहियों को अलग-अलग जगहों से पकड़ा, जिनके कट‌्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़े होने का संदेह जताया गया है. इनमें भोपाल से 10, छिंदवाड़ा से 1 और हैदराबाद से 5 युवकों को गिरफ्तार किया गया है. गोपाल और तेलंगाना से पकड़े गए हिज्ब-उत-तहरीर के संदिग्धों के मामले में एटीएस ने बड़ा खुलासा किया है. एटीएस से पूछताछ में संदिग्धों ने बताया है कि वह भोपाल से सटे रायसेन जिले के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप लगाते थे और गोलियां चलाना सीखते थे.

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बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश एटीएस ने सफलतापूर्वक इस कार्रवाई को अंजाम देते हुए मध्यप्रदेश के भोपाल और छिंदवाड़ा समेत तेलंगाना से कुल 15 संदिग्धों को गिरफ्तार किया. अदालत ने मध्य प्रदेश एटीएस को पकड़े गए सभी संदिग्धों की 19 मई तक रिमांड सौंपी है. रिमांड के दौरान पूछताछ में संदिग्धों ने बताया कि वह जंगल में कैंप लगाकर फायरिंग सीखते थे और जंगल वॉरफेयर की तैयारी करते थे. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया की एटीएस से पूछताछ के बाद अब इस बात की जांच की जा रही है कि इन तमाम लोगों को फॉरेन फंडिंग किन स्त्रोत से होती थी.

HUT 16 देशों में प्रतिबंधित है…
भोपाल में पकड़े गए युवक जिम ट्रेनर से लेकर दर्जी, ऑटो ड्राइवर, कोचिंग संचालक बनकर रह रहे थे. हैदराबाद से पकड़े गए युवकों को आज बुधवार को भोपाल लाया जा रहा है. पकड़े गए युवकों से एटीएस की टीम लगातार पूछताछ कर रही है. एटीएस को अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि पकड़े गए संदेही ड्रोन कैमरों से इलाकों की रेकी और टारगेट सेट कर रहे थे. जिस हिज्ब-उत-तहरीर से इन युवकों का जुड़ना बताया जा रहा है, उसे 16 देशों में प्रतिबंधित किया गया है. इनके पास से आपत्तिजनक सामग्री, भड़काऊ साहित्य, विस्फोटक बनाने के साहित्य तक बरामद हुए हैं.

मुख्यमंत्री द्वारा कट‌्टरवादी, अतिवादी व आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश पर मप्र पुलिस ने यह कार्रवाई की है. मप्र में गुपचुप तरीके से पनप रहे इस संगठन की बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना थी, जिसे पुलिस ने समय रहते ही ध्वस्त कर दिया. अब इनको मिलने वाली टैरर फंडिंग को लेकर भी कुछ तथ्य पुलिस को पता चले हैं.

समाज में घुलने-मिलने अलग-अलग भूमिका के काम कर रहे थे

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि समाज में घुलने-मिलने के लिए इन संदेही युवकों ने जिम ट्रेनर, कम्प्यूटर टेक्नीशियन, दर्जी, ऑटो ड्राइवर आदि काम कर रहे थे. गिरफ्तार सदस्यों में से एक सदस्य भोपाल के कोहेफिजा में ‘एडुफोरम ट्यूटोरियल्स’ के नाम से कोचिंग सेंटर तक चला रहा था.

ये हैं गिरफ्तार किए गए संदेही
भोपाल से गिरफ्तार किए गए संगठन के सदस्यों में यासिर खान 29 वर्ष निवासी शाहजनाबाद भोपाल (जिम ट्रेनर), सैयद सामी रिजवी 32 वर्ष निवासी मेलेनियम हेबिटेट शहीद नगर, भोपाल (कोचिंग टीचर), शाहरूख निवासी जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल (दर्जी), मिस्बाह उल हक 29 वर्ष निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (मजदूरी), शाहिद निवासी जवाहर कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (ऑटो ड्राइवर), सैयद दानिश अली निवासी सोनिया गांधी कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (सॉफ्टवेयर इंजीनियर), मेहराज अली 25 वर्ष निवासी मसूद भाई का मकान, ऐशबाग, भोपाल (कम्प्यूटर टेक्नीशियन), खालिद हुसैन 40 वर्ष निवासी बारेला गांव लालघाटी भोपाल, (टीचर और व्यवसायी), वसीम खान निवासी उमराव दूल्हा, ऐशबाग, भोपाल, मोहम्मद आलम 35 वर्ष निवासी नूरमहल रोड, चौकी इमामबाड़ा, भोपाल और करीम निवासी छिंदवाड़ा (प्रायवेट नौकरी).

ऐसे युवक ढूंढ रहे थे, जो जान देने से भी न हिचके
सभी गिरफ्तार आरोपी गोपनीय रूप से जंगलों में जाकर क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे. उक्त प्रशिक्षण कैंप में हैदराबाद से आए संगठन के दक्ष प्रशिक्षक द्वारा कैंप में शामिल सदस्यों को ट्रेनिंग दी जाती थी. गोपनीय रूप से दर्श (धार्मिक सभा) आयोजित कर भड़काऊ तकरीरें दी जाकर जेहादी साहित्य का वितरण किया जाता था. आरोपियों द्वारा ऐसे नवयुवकों की पहचान की जा रही थी, जो उग्र स्वभाव के हों और उन्हें संगठन के लिए अपनी जान देने में कोई हिचक ना हो.

सभी आरोपी आपस में बातचीत करने के लिए डार्क वेब में प्रचलित विभिन्न कम्युनिकेशन ऐप जैसे ‘रॉकेट चैट’, ‘थ्रीमा’ एवं अन्य ऐप का उपयोग करते थे, जिनका उपयोग अधिकतर आतंकी संगठन जैसे ‘आईएसआईएस’ द्वारा भी किया जाता है.

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