Jabalpur Crime: जबलपुर के डबल मर्डर केस में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. भले ही आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं लेकिन कुछ नए सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिले हैं. जिसे आधार बनाकर सिविल लाइन थाना प्रभारी ने जो जानकारी दी है, वो चौंकाने वाली है. दरअसल, डबल मर्डर की साजिश आरोपी ने छह महीने पहले ही रची थी और तब उसने प्रयास किया था, लेकिन विफल हो गया था.
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इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि आरोपी मुकुल बेहद शातिर है, मुकुल सिंह कंप्यूटर और तकनीक का अच्छा जानकार है. घर से निकलने के पहले मुकुल ने अपनी पढ़ाई के सारे सर्टिफिकेट्स और अन्य दस्तावेज भी साथ ले लिए थे, जबकि नाबालिग अपने साथ क्या ले गई है यह कहना अभी संभव नहीं है. इस पूरे घटनाक्रम में कुछ और सीसीटीवी सामने आए हैं, जिनमें आरोपी मुकुल कॉलोनी में आधी रात को गैस सिलेंडर और गैस कटर के साथ घूमते हुए दिखाई दे रहा है, उसने हाथों में दस्ताने पहने हैं जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि वह पूरी प्लानिंग के साथ हत्या करने की नीयत से ही वहां पहुंचा था.
सितंबर 23 में भगा ले गया था नाबालिग को
पुलिस के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत सितंबर में 15 वर्ष की नाबालिग काव्या के गायब होने के साथ ही हो गई थी. दरअसल, मुकुल सिंह राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी काव्या को भगाकर भोपाल ले गया था. कुछ समय भोपाल में भी रहा. पुलिस ने काव्या के नाबालिक होने के कारण अपहरण का मामला दर्ज किया और जब उसकी तलाश की तो भोपाल से दोनों को दस्तयाब कर लिया.
पुलिस ने आरोपी को तब पाक्सो के तहत कर लिया था अरेस्ट
इसके बाद राजकुमार विश्वकर्मा की शिकायत पर पुलिस ने मुकुल के खिलाफ पोक्सो एक्ट का मामला भी दर्ज किया था. नाबालिक काव्या के घर लौटने के बाद एक और जहां मुकुल को जेल जाना पड़ा वहीं काव्या को उसके पिता ने पिपरिया में रहने वाले अपने बड़े भाई के घर भेज दिया था लेकिन मुकुल और काव्या इस दौरान भी मोबाइल फोन के जरिए एक दूसरे के संपर्क में रहे.
भागकर शादी करने का था प्लान
थाना प्रभारी ने बताया कि घटना के लगभग चार दिन पहले ही काव्या को परीक्षा देने के लिए जबलपुर बुलवाया गया था और इसके बाद जबलपुर पहुंचते ही काव्या और मुकुल दोनों एक दूसरे के करीब आ गए थे. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों ने जबलपुर से भागकर शादी करने और संभवतः किसी दूसरी जगह पर जाकर साथ रहने की तैयारी कर ली थी इसलिए वे साथ में अपने सभी दस्तावेज लेकर गए हैं, ताकि कहीं नौकरी कर सकें.
बहरहाल अभी शहर में यह चर्चा है कि दोनों ट्रेन में बैठकर पुणे भाग गए जहां उन्होंने पैसे खत्म होने पर एटीएम से पैसे भी निकाले हैं. पुलिस अधिकारियों की माने तो अभी तक ऐसी कोई भी साक्ष्य या तथ्य उनके सामने नहीं आया है बल्कि दूसरे लोगों से ही पुलिस को यह जानकारी मिल रही है. हालांकि पुलिस विभाग के अधिकारी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने का दावा कर रहे हैं.
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