Rajgarh Loksabha Seat: मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव के पहले प्रदेश की राजनीति में कई रंग देखने को मिल रहे हैं. प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट राजगढ़ पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इन्हीं सबके बीच कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की चुनावी अपील का पर्चा सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है, जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, इस पत्र की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि पहली बार दिग्विजय सिंह ने अपने किसी पर्चे में हिंदुत्व या फिर सनातन के बारे में बात कही है.
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दिग्विजय के अपील पत्र में क्या लिखा
राजगढ़ लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के वायरल पत्र में लिखा है- "मैंने सदैव सत्य की रक्षा के लिये, सदैव निडर होकर आवाज उठाई है. हमेशा सनातन धर्म के सिद्धान्तों पर चलता रहा हूं, लेकिन राजनीतिक जीवन में वोटरों के लिये मैंने अपने आराध्य का कभी इस्तेमाल नहीं किया. हमारे घर यानी राघोगढ़ के किले में राघौजी महाराज जी 300 साल से चली आ रही पूजा हो या नर्मदा जी की 3300 किलोमीटर ज्यादा लंबी परिक्रमा हो, पूरी निष्ठा से दोनों सकल्पों को जिया है."
दिग्विजय आगे लिखते हैं, "30 साल से एकादशी को में पारपुर में विद्वोवा के दर्शन करने भी जाता हूं. यह सब लिखकर मुझे आपके सामने भक्ति का सबूत प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है, लेकिन प्रतिद्वंद्वी भाजपा धर्म के नाम पर मेरे खिलाफ मनगढ़त मुद्दे बनाकर बहकाने का कुत्सित प्रयास करती रहती है. इसलिए आपको सचेत कर रहा हूं कि बहकावे में न आएं. अपने हित को ध्यान में रखकर वोट कीजिएगा."
जानकारों की माने तो दिग्विजय सिंह की अपील का ये पत्र राजगढ़ लोकसभा सीट के हर घर तक पहुंचाया जा रहा है, तो वहीं इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर भी इसका वीडियो शेयर किया है.
क्या बोले दिग्विजय
कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने मंच से कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि सेमली भोजपुर दूर दराज इलाके हैं. उन इलाकों में सब जगह तो मैं पहुंच नहीं सकता, लेकिन मेरा संदेश आपके माध्यम से मैं पहुंचाना चाहता हूं. कांग्रेस के कार्यकर्ता नेता, जो मेरा और कांग्रेस का समर्थन करते हैं. उनसे मैं प्रार्थना करता हूं. क्या आप मेरा संदेश घर-घर पहुंचाने के लिए तैयार हो? तो मेरा संदेश आपके पास है, आप संदेश पहुचाएं.
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आखिरी चुनाव पूरी ताकत से लड़ रहे दिग्विजय
33 साल बाद अपने पुराने किले पर फिर चुनावी मैदान में उतरे दिग्विजय सिंह का ये आखिरी चुनाव है. ऐसा हम नहीं, बल्कि खुद दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि ये उनका आखिरी चुनाव है. इस चुनाव के बाद वे कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. राजगढ़ लोकसभा सीट पर मुकाबला फिलहाल 50-50 का माना जा रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि न तो यहां दिग्विजय सिंह कोई कसर छोड़ रहे हैं और न ही बीजेपी की तरफ से कोई कसर छोड़ी जा रही है. दोनों ही राजनीतिक दल किसी भी कीमत पर राजगढ़ जीतना चाहते हैं.
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