CM शिवराज से मिले कद्दावर नेता हिम्मत कोठारी, दीपक जोशी के बाद चल रहे थे असंतुष्ट

विजय मीणा

08 May 2023 (अपडेटेड: May 8 2023 5:18 AM)

MP Politics: पूर्व मंत्री दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी ने सीएम शिवराज से मुलाकात की. इस खबर के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. हिम्मत कोठारी ने दीपक जोशी के जाने पर दुख जताते हुए कहा- ‘पार्टी में वरिष्ठजनों […]

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MP Politics: पूर्व मंत्री दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी ने सीएम शिवराज से मुलाकात की. इस खबर के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. हिम्मत कोठारी ने दीपक जोशी के जाने पर दुख जताते हुए कहा- ‘पार्टी में वरिष्ठजनों का सम्मान जरूरी है. मुलाकात के बाद बात करते हुए कहा कि उन्होंने सीएम शिवराज के सामने अपनी बातों को रखा है.’ हालांकि इस पर सवाल पूछने पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि समय आने पर बताएंगे.

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बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के गृहमंत्री रह चुके वरिष्ठ भाजपा नेता हिम्मत कोठारी भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में सीएम शिवराज से उनकी मुलाकात अलग ही कहानी बयां करती है. जबकि उनका कहना है कि वे सिर्फ जनता के मुद्दों को लेकर पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि पार्टी की दृष्टि से भी और अन्य संबंधित विषयों पर भी प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री जी से मुलाकात हुई. आइए बताते हैं कि हिम्मत कोठारी ने मुलाकात के बाद क्या कहा.

जनता के मुद्दों को लेकर की मुलाकात?
पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. उन्होंने बताया, ‘उन्होंने सीएम से समय मांगा था, मुख्यमंत्री ने कल का समय दिया था, इस कारण से उन्हें भोपाल जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि राजनीति के अंदर वर्षों से हम लोग काम कर रहे हैं तो जनता की अपेक्षा अभी भी हम से बनी हुई है. जनता के कुछ ऐसे मुद्दे थे, जिनको मुख्यमंत्री जी को बताना था और उनका समाधान कराना था.’

हिम्मत कोठारी ने कहा कि और भी ऐसी बातें थी, मुद्दे थे, जिनमें मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करना था. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने बातों को सुना-समझा और अधिकारियों को निर्देशित किया.

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दीपक जोशी के जाने से नुकसान होगा
दीपक जोशी के पार्टी छोड़ने पर हिम्मत कोठारी ने दुख जताया. उन्होंने कहा- “कैलाश जोशी मेरे लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के लिए और जो राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हैं, उनके लिए आदर्श पुरुष रहे हैं . वह भारतीय जनता पार्टी के नींव के पत्थर रहे हैं, संघर्ष किया है, पार्टी को खड़ा किया और उनका बहुत बड़ा योगदान पार्टी में है.”

कोठारी ने कहा- ‘आज भी उनका नाम आते ही लोग सम्मान से बात करते हैं, तो मैं यह मानता हूं कि दीपक जोशी जी जो कांग्रेस में गए हैं, वह उनका कारण जो बता रहे हैं, उसका समाधान हो जाता. उन्होंने कहा कि कैलाश जोशी जैसे नेता के दो बेटे पार्टी छोड़कर गए हैं तो निश्चित रूप से नुकसान होगा.’

शिवराज पर आरोपों को बताया गलतफहमी
दीपक जोशी द्वारा सीएम शिवराज पर लगाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए हिम्मत कोठारी ने कहा- ‘मुझे लगता है कि यह गलतफहमी है. हो सकता है लोकल स्तर पर कोई बात हुई हो, परंतु ऐसी बीमारी में कोई उपचार के लिए कोई मना कर दे, मैं मानता हूं कि यह तो संभव ही नहीं है.’ दीपक जोशी जी के पार्टी में जाने के सवाल पर कहा- ‘कहीं ना कहीं उनके मन में पीड़ा रही है. इनको भी विधायक का चुनाव लड़ाया, मंत्री बनाया… कहीं ना कहीं निश्चित रूप से पीड़ा रही होगी. मैं मानता हूं कि पहले अगर जाकर बात करते तो हो सकता है कि कोई समाधान निकलता.’

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दीपक जोशी का कांग्रेस में जाना ठीक नहीं
जब हिम्मत कोठारी से इस बात पर सवाल किया गया कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद पार्टी में वरिष्ठ जन की उपेक्षा हो रही है तो उन्होंने कहा- ‘मैं अभी इन सब बातों पर ज्यादा खुलासा नहीं करूंगा, वक्त आने पर सारी बातें स्पष्ट करूंगा, क्योंकि अभी मैंने अपनी बात पार्टी के सामने और मुख्यमंत्री जी के सामने रखी हैं. मैं आज भी विश्वास करता हूं कि मेरी बातों का समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में कुछ कहना ठीक नहीं है. पर दीपक जोशी जी का कांग्रेस में जाना ठीक नहीं है.’

वरिष्ठ अपमानित महसूस कर रहे
भंवर सिंह के पार्टी छोड़ने की खबरों पर कहा- ‘भंवर सिंह जी से पार्टी ने बात की है और मैं यह मानता हूं कि कोई भी व्यक्ति चाहे किसी भी पार्टी से आए, चाहे वह मंत्री बन जाए या कोई अन्य पद पर हो, उनको पुराने वरिष्ठ लोगों को सम्मान देना चाहिए और उनकी बात सुनना चाहिए.’ हमारे इतने वरिष्ठ कहीं ना कहीं अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं, इसका समाधान होना चाहिए. जब बदलाव होता है तो तो वरिष्ठ भी उसको स्वीकार करते हैं और नई पीढ़ी को दायित्व मिलता है तो पुरानी पीढ़ी उनको मार्गदर्शन करती है. लेकिन कहीं ना कहीं इस व्यवस्था में कमी आई है, जो आपसी समन्वय होना चाहिए, वह कहीं ना कहीं कम हुआ है इस पर पार्टी विचार करेगी.’

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