paper leak scandal: मध्यप्रदेश में हाईस्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षा में पेपर लीक होने के मामले में सोमवार को मध्यप्रदेश सरकार ने यू टर्न ले लिया. विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कह दिया कि ‘कोई भी पेपर लीक नहीं हुआ था, हमने जांच करा ली है. हमारी जांच में पेपर लीक होने जैसी कोई घटना परीक्षा पूर्व नहीं हुई है. जो पेपर सोशल मीडिया पर वायरल किए गए, वे सभी फर्जी थे और जो भी पेपर जारी हुए, वे सभी छात्रों के परीक्षा में बैठने के बाद हुए’. इस तरह से स्कूल शिक्षा मंत्री ने पूरी घटना के होने से ही इनकार कर डाला और कहा कि सिर्फ गोपनीयता भंग होने की घटना हुई है और उसी कारण 19 शिक्षकों की गिरफ्तारी कराई गई है.
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पेपर लीक होने के मामले में सोमवार को विधानसभा के अंदर भी हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इस घटना को बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बता दिया. विधानसभा परिसर से बाहर आने के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बयान दिया कि कोई पेपर लीक ही नहीं हुआ था. सब भ्रम फैलाया गया और ये कांग्रेस की साजिश थी. जबकि खुद शिक्षा मंत्री ने दो दिन पहले पेपर लीक होने की घटना की पुष्टि की थी.
लेकिन शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अचानक से अपने पुराने बयानों से पलट गए. सूत्रों के अनुसार शिक्षा मंत्री द्वारा इस तरह पेपर लीक की घटना को स्वीकार कर लेने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान उनसे खासा नाराज हो गए थे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में शिक्षा मंत्री से अलग से बात की थी और उसके बाद ही सोमवार को शिक्षा मंत्री के पूरे सुर बदल गए और पेपर लीक होने की घटना से ही उन्होंने साफ इनकार कर दिया.
शिक्षा मंत्री ने सारा दाेष मढ़ दिया कांग्रेस पर
शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विधानसभा परिसर में मीडिया से कहा कि हमारी जांच में पता चला है कि जब 10वीं और 12वीं के एग्जाम शुरू हो गए थे, उसके बाद पेपर सोशल मीडिया पर आया था. उनमें भी सभी पेपर फर्जी पाए गए हैं. चूंकि इस पूरी घटना से सिस्टम पर असर हुआ और मध्यप्रदेश सरकार की छवि खराब हुई, इसलिए हमने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले 19 शिक्षकों की गिरफ्तारी कराई. शिक्षा मंत्री ने बार-बार बोला कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ जो हुए वो असली पेपर नहीं थे. शिक्षा मंत्री ने पूरी घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में पेपर लीक के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश की. आपको बता दें कि सिलसिलेवार तरीके से 10वीं और 12वीं के विभिन्न विषयों के पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिन्हें शिक्षा मंत्री द्वारा अब फर्जी बताया जा रहा है.
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