Devkinandan Thakur News: देवकीनंदन ठाकुर कथावाचन के साथ ही अपने बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. इन दिनों वे छिंदवाड़ा में कथा कर रहे हैं. इसी बीच सनातन और हिंदुत्व को लेकर दिया हुआ उनका बयान चर्चा में आ गया है. कथा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकारों को स्कूलों में फिल्मी गानों पर डांस बंद करवा देना चाहिए. अपनी टिप्पढ़ियों की वजह से देवकीनंदन ठाकुर को कई बार आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ता है.
मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर की कथा इन दिनों मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में चल रही है. कथा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकारों को स्कूलों में फिल्मी गानों पर डांस बंद करवा देना चाहिए. देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि स्कूलों में रामायण, श्रीमदभागवत, रानी लक्ष्मी बाई , चंद्रशेखर आजाद, सुभाषचंद्र बोस और सत्यवान सावित्री के चरित्र पर कार्यक्रम होना चाहिए.
फिल्मी डांस पर कही ये बात
छिन्दवाड़ा के दशहरा मैदान में शिव महापुराण कथा महोत्सव चल रहा है. कथावाचन के दौरान देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि आज देश के अनेक राज्यों में संस्कृति वाली सरकारें हैं. स्कूलों से ही आने वाली पीढ़ी का चरित्र बनेगा. उन्होंने कहा कि विद्या के मंदिर में फिल्मी गानों पर डांस बच्चो की बुद्धि विवेकहीन बना रहा है. अभी यह परिवर्तन नहीं हुआ तो भविष्य में पछतावा के सिवा कुछ नही रहेगा.
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कहा “सनातन की रक्षा के लिए आगे आएं सनातनी”
छिंदवाड़ा में कथा के दौरान देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातनियों को सनातन की रक्षा के लिए आगे आना होगा. कुर्सी का उपयोग हिदुत्व की रक्षा करने के लिए करना होगा. उन्होंने कहा कि हिदुत्व के नाम पर कुर्सी पर बैठने से हिदुत्व की रक्षा नही होगी बल्कि बदलाव करना होगा. कथा के दौरान आचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन के ऊपर व्याख्या की. उन्होंने कहा कि सनातन का अर्थ है कि सत्य का प्रतिपादन. इसकी रक्षा करना सनातनी का दायित्व है.
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तिलक पर आपत्ति को बताया संस्कृति पर हमला
पीढ़ी को संस्कारवान बनाना है तो बच्चों को ऐसे शिक्षा संस्थानों में भेजें जहां शिक्षा के साथ उसका चरित्र भी बन सके. आज कुछ स्कूलों में ही शिक्षक ऐसे भी हैं जो बच्चों के तिलक लगाने, हाथ मे कलावा पहनने, गले मे तुलसी माला पहनने पर ही आपत्ति जताते हैं. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि यह आपत्ति हमारी संस्कृति पर हमला है. आचार्य देवकीनंदन ने कहा कि हमारे कोई भी देवी देवता बिना अस्त्र -शस्त्र के नहीं हैं. सनातन अस्त्र, शस्त्र और वस्त्र वाला है, लेकिन आजकल तो लोग केवल वस्त्र देखते हैं.
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