MP NEWS: मध्यप्रदेश में डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को स्थगित कर दिया है. शुक्रवार को चिकित्सा महासंघ के पदाधिकारियों के साथ चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बैठक की. बैठक में महासंघ की मांगों पर विचार करने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने एक हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दे दिए जो डॉक्टरों की सभी मांगों पर विचार करेगी और कमेटी उस रिपोर्ट को प्रदेश सरकार को प्रस्तुत करेगी. कमेटी के सुझावों के हिसाब से सरकार फैसले लेगी और एक निश्चित समय सीमा में उन मांगों को पूरा किया जाएगा.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री के इस आश्वासन के बाद चिकित्सा महासंघ ने अपनी हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया है. महासंघ के इस फैसले के बाद इंदौर सहित दूसरे शहरों में डॉक्टरों ने कामकाज शुरू कर दिया है. एक दिन पहले हड़ताल की शुरूआत इंदौर के एमवाय हॉस्पीटल से हुई थी. डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी सरकार को दी थी, जिसके बाद शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने डॉक्टरों के संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों को बुलाकर उनके साथ चर्चा की.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने डॉक्टरों की एप्रोच को बताया पॉजीटिव
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि हड़ताल करने का डॉक्टरों का मकसद मरीजों की परेशानी नहीं है बल्कि सरकार का ध्यान अपनी तमाम समस्याओं की ओर खींचना था. डॉक्टरों का एप्रोच पॉजीटिव था और हमारे भरोसे पर उन्होंने हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया है, जिसका मध्यप्रदेश सरकार स्वागत करती है. हमने यकीन दिलाया है कि हाई पावर कमेटी सभी मांगों पर विस्तार से विचार करके सरकार को सुझाव देगी और हम उन सुझावों पर समय सीमा में अमल करेंगे.
इंदौर: कई मांगों को लेकर एमवाय अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर, MP के सभी अस्पताल बंद कराने की दी चेतावनी
इंदौर से हो गई थी हड़ताल की शुरूआत
इंदौर के प्रसिद्ध एमवाय अस्पताल में डॉक्टरों ने काम बंद हड़ताल कर दी थी. 16 फरवरी को अस्पताल में तकरीबन 1 हजार डॉक्टर काली पट्टी बांधकर पहुंचे और उसके बाद नारेबाजी करते हुए मध्यप्रदेश सरकार की स्वास्थ्य नीतियों की आलोचना की थी. इसके बाद डॉक्टरों ने यहां कोई काम नहीं किया. इस हड़ताल को डॉक्टरों के 7 प्रमुख संगठनों ने अपना समर्थन दिया था. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है. इसलिए हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था लेकिन अब चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा हाई पावर कमेटी बनाने के निर्णय के बाद फिलहाल के लिए इसे स्थगित कर रहे हैं.
इन मांगों को लेकर गए थे हड़ताल पर
हड़ताल का नेतृत्व कर रहे डॉ.अरविंद घनघोरिया ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों के पद रिक्त पड़े हैं. सरकारी अस्पताल में जरूरी मेडिकल उपकरणों की खरीद में होने वाली देरी बंद हो. किडनी ट्रांसप्लांट हमें यहीं सरकारी अस्पताल में कराने की सुविधा दें. डॉक्टरों का वेतन बहुत कम है. पेंशन की कोई सुविधा नहीं है. इसके अलावा भी कई अन्य मांगों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया गया था. फिलहाल हड़ताल स्थगित कर दी गई है.