MP NEWS: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस पर दिए बयान को लेकर अब शंकराचार्य ने टिप्पणी की है. द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने छिंदवाड़ा में कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य को राजनीति का ज्ञान है. यह उनका विषय है. लेकिन उनको धर्म के संबंध में कोई ज्ञान नहीं है. इसलिए वे इस तरह के बयान दे रहे हैं. द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती बीती शाम छिंदवाडा पहुचे, जहां पातालेश्वर में हो रही श्रीमद्भागवत कथा पंडाल में वे मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे.
शंकराचार्य ने कहा रामचरित मानस का उद्देश्य क्या है. उसका लक्ष्य और उसके भाव क्या हैं. यह स्वामी प्रसाद मौर्य को पता ही नहीं है. जब उनको रामचरित मानस की कोई जानकारी ही नहीं है तो फिर उनको गलत टिप्पणी नहीं करना चाहिए. शंकराचार्य आगे बाेलते हैं कि बड़े लोगो को वजनदार बात बोलनी चाहिए. जिनको ज्ञान नहीं है, वही लोग विवाद पैदा करते हैं. शब्द के अर्थ को नहीं जानते हैं. शब्द के अर्थ को जाने बिना उसका उच्चारण नहीं करना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य भी शब्दों के अर्थ नहीं समझ पाए हैं. हर शब्द और हर वाक्य का भाव अलग-अलग होता है. वह दिखता कुछ है और उसका अर्थ कुछ ओर ही होता है. स्वामी प्रसाद मौर्य से इसे समझने में भूल हुई है. इसलिए उन्हें विवादास्पद टिप्पणी करने से बचना चाहिए.
पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नहीं फैला रहे अंधविश्वास
शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम के महंत पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन करते हुए कहा कि वे अंधविश्वास नहीं फैला रहे हैं. वे खुद कहते हैं कि वो किसी को ठीक नहीं करते बल्कि भगवान हनुमान जी की कृपा से लोग ठीक होते हैं. इसमें कौन सी गलत बात है. शंकराचार्य ने कहा कि जो वस्तु अप्रमाणिक होती है, उसको अंधविश्वास कहते हैं. जब धीरेंद्र शास्त्री खुद ही बोल रहे हैं कि हनुमानजी की कृपा से लोग ठीक होते हैं तो उसमें तो कोई गलत बात नहीं है. इस देश में सभी भगवान हनुमान जी को मानते हैं. फिर उसमें अंधविश्वास जैसी कोई बात ही नहीं है. हमारी तो परंपरा है दवा और दुआ दोनों को एक साथ मानने की.
1 Comment
Comments are closed.