इस नेवी अफसर को कतर की अदालत ने सुनाई फांसी की सजा, बहन लगा रही PM मोदी से गुहार
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MP News: भारत और कतर के रिश्तों में दरार आ सकती है. क्योंकि कतर ने एक फैसला लिया जिससे भारत सरकार न सिर्फ हैरान है बल्कि काफी नाराज भी है. बीते साल यानि कि साल 2022 में कतर में गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. इसमें मध्य प्रदेश के भोपाल के रहने वाले पूर्णेंदु तिवारी भी शामिल हैं. पूर्णेंदु भारतीय नौसेना में कमांडर रह चुके हैं. पूर्णेंदु वर्तमान में कतर में नौसेना को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं देने वाली कंपनी के साथ काम कर रहे थे. कतर के इस फैसले पर भारत सरकार हैरान है. भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि कतर में फंसे नौसेनिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है.
नेवी के पूर्व अधिकारी पूर्णेंदु तिवारी को कतर में मौत की सजा की खबर जैसे ही ग्वालियर में रह रहे उनके परिवार को लगी, सभी लोग हैरान परेशान हो गए. पूर्णेंदु की बहन ग्वालियर के सिटी सेंटर क्षेत्र में रहतीं हैं. उनकी बहना मीडिया से बातचीत के दौरान कहा “हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जरूर कुछ करेंगे” आपको बता दें पुर्णेंदु तिवारी की बहन मीतू भार्गव लंबे समय से भाई की रिहाई के लिए संघर्ष कर रही हैं.
भाई को छुड़ाने लंबे समय से बहन कर रही प्रयास
पूर्व नेवी अफसर पुर्णेंदु की बहन ने बताया कि “पिछले साल अगस्त माह से कतर में भाई से संपर्क नहीं हो पा रहा था. नवंबर 2022 में उन्होंने अपने भाई को कतर से रिहा करवाने के लिए पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को ट्वीट किया था. इसके बाद विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया था, लेकिन रिहाई नहीं हो सकी थी.
पूर्णंदु राष्ट्रपति पुरस्कार से हैं सम्मानित
कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदु तिवारी (रि.) भी शामिल हैं. इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था. कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार पूर्णंदु तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं.
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कतर की कंपनी में कर रहे थे काम
ये सभी लोग कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे. यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है. कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है. रॉयल ओमान वायु सेना रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल अजमी इस कंपनी के सीईओ हैं.
भारत सरकार ने जताई हैरानी
भारत सरकार ने गुरुवार को कहा, “हमें जानकारी मिली है कि कतर की एक अदालत ने अल दहरा कंपनी में काम कर रहे भारत के 8 पूर्व नेवी ऑफिसर के गिरफ्तार किए जाने के मामले में फैसला सुनाया है. अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं और फैसले की डिटेल्ड कॉपी का इंतजार कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के भी संपर्क में हैं. भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है.”
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