IAS सृष्टि देशमुख ने कैसी की UPSC की तैयारी कि पहले ही अटेंप्ट में बन गईं टॉपर, जानें उनके सीक्रेट टिप्स
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IAS Srishti Jayant Deshmukh: UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. कई लोग सालों तक सिविल सर्विस की तैयारी करते हैं, लेकिन चुनिंदा लोगों का ही इसमें सिलेक्शन हो पाता है. IAS सृष्टि जयंत देशमुख ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी का एग्जाम क्लीयर किया. इतना ही नहीं, उन्होंने महिलाओं में टॉप स्थान हासिल किया. सृष्टि की AIR 5 थी. इंजीनियरिंग के दौरान उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम देने की ठानी और तैयारी में जुट गई. जानें कि IAS सृष्टि की स्ट्रेटेजी क्या थी? उन्होंने कैसे एग्जाम की तैयारी की.
सृष्टि ने स्कूल में थोड़ा सोचा था कि IAS नाम की चीज होती है, लेकिन UPSC के बारे में कोई नॉलेज नहीं था. इंजीनियरिंग के दौरान जब उन्होंने सोचना शुरू किया कि क्या बनना है, तो लगा कि पुराना जो सपना था, उसको सामने लाना चाहिए. तब उसके बारे में और रिसर्च किया और फिर तैयारी में जुट गईं.
कितने घंटे करें पढ़ाई?
IAS सृष्टि जयंत देशमुख का कहना है कि घंटे मैटर नहीं करते हैं. अगर आप सोचते हैं कि 17-18 घंटे पढ़ना है तो इतना नहीं पढ़ना है. एक दिन पढ़ सकते हैं, दूसरे दिन इतना नहीं पढ़ पाएंगे. रोजाना आपको 5-6 घंटे देने हैं. लेकिन ये जो वक्त आप देते हैं, उतना वक्त रोज देना है, कंसिस्टेंसी बनाए रखना सबसे जरूरी है.
ऐसे करें पढ़ाई की शुरुआत
करेंट अफेयर्स से शुरुआत की. ये सबसे इंटरस्टिंग है. न्यूज पेपर से सारी जानकारी मिलती थी. करंट अफेयर्स को अपना बेस बनाएं. क्योंकि प्रीलिम्स के साथ ही मैन्स में आने वाले टॉपिक्स भी करंट से जुड़े हुए रहते हैं, इसलिए इससे शुरुआत करें.
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ऐसे करें मैन्स की तैयारी
सृष्टि ने आंसर राइटिंग की बहुत प्रैक्टिस की. उन्होंने बताया कि प्रीलिम्स के मोक टेस्ट में उतने अच्छे नंबर नहीं आते थे, तो मुझे लगा कि आंसर राइटिंग ऐसी चीज है, मैंस ऐसा पार्ट है, जिसमें आप काफी अच्छा कर सकते हैं. आंसर राइटिंग पर विशेष फोकस करें. चैकर दिनभर में कई कॉपी चेक करते हैं, ऐसे में आपको ये सोचना कि उन सबसे अलग कैसे आपकी कॉपी दिखे, ये आपके लिखने के प्रेजेंटेशन और तरीके पर निर्भर करता है. आप मैप आप बना सकते हैं. ऐसे छोटे-छोटे टिप्स आपकी कॉपी को आकर्षक बनाएंगे.
मेंटली मोटिवेट रहना जरूरी
सृष्टि ने बताया कि ये जर्नी काफी लंबी होती है. एग्जाम ही एक साल तक चलता है. ऐसे में खुद को मेंटली फिट रखना, मोटिवेट रखना बेहद जरूरी है. खुद पर भरोसा रखें कि अगर आपने इसमें कदम रखा है, आपने सोचा है तो आपको ये ठानकर उसमें जाना है कि मैं ये कर सकता हूं या कर सकती हूं.
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