भोपाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- 'मैं चाहती हूं टैक्स को जीरो कर दूं', Tax के सवालों पर दिया ये जवाब
MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के 11वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुई. इसके साथ ही यहां दिया गया सीतारमण का एक बयान अब खूब चर्चा में हैं. जिसमें उन्होंने टैक्स को लेकर बड़ी बात कही है.

न्यूज़ हाइलाइट्स

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि लोग टैक्स पर सवाल करते हैं,

सीतारमण ने कहा ये बात मुझे बिलकुल पसंद नहीं है.

वित्त मंत्री ने ये बात भोपाल में IISER के 11वें दीक्षांत समारोह में कही
MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के 11वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुई. यहां उन्होंने छात्रों को डिग्रियां भी वितरित की हैं. इसके साथ ही यहां दिया गया सीतारमण का एक बयान अब खूब चर्चा में हैं. जिसमें उन्होंने टैक्स को लेकर बड़ी बात कही है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा " जब लोग उनसे टैक्स के बारे में सवाल करते हैं. तो उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं आता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान टैक्स प्रणाली जायज है" उन्होंने कहा कि देश को चुनौतियों से निपटने के लिए टैक्स की जरूरत है. इसके लिए हम फंड के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं हो सकते. हमें इन कामों के लिए फंड की जरूरत है.
मैं चाहती हूं कि टैक्स को जीरो पर लेकर आऊं- सीतारमण
भोपाल में निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर कोई टैक्स से जुडे हुए सवाल पूछता है. हर केाई चाहता है कि टैक्स कम हो पर मैं तो चाहती हूं कि टैक्स जीरो हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है. देश को चलाने के लिए पूंजी की आश्यकता होती है. इसी के सहारे के कई किए जाते हैं.
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11वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय वित्त एवम कॉरपोरेट कार्य मंत्री ने कहा कि "विद्यार्थियों को एकेडमिक नॉलेज को इनोवेशन में बदलने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की कोशिश होनी चाहिए की उनके इनोवेशन को पेटेंट मिले और वह व्यवसायिक रूप से सफल हो. साथ ही इससे समाज भी लाभान्वित हो.
बच्चों को वित्त मंत्री ने दी बधाई
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने इन सभी स्टूडेंट्स को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आज संस्थान के लिए बड़े गर्व का दिन है. आईआईएसईआर नए-नए विचारों पर काम कर रहा है. यहां पूरे देश के स्टूडेंट्स हैं. आदि शंकराचार्य के समय से केरल के छात्रों ने देश में भ्रमण कर ज्ञान का प्रचार प्रसार किया. हमारी परंपरा रही है कि विद्वान पूरे देश में ज्ञान का प्रचार करते हैं. आईआईएसईआर में पढ़ाई-लिखाई बेहतर है.
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