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Madhavi Raje Scindia: मां के अंतिम संस्कार के दूसरे दिन छतरी मैदान पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, नम आंखों से निभाई रस्में

हेमंत शर्मा

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Scindia Mother Madhavi Raje Scindia Last Rites: सिंधिया घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. गुरुवार को ग्वालियर की छत्री में उनका दाह संस्कार किया गया. पूरे रीति-रिवाजों के साथ रातमाता का अंतिम संस्कार किया गया, जिसके बाद आज उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया अस्थि संकलन के लिए पहुंचे हैं. मां को खोने का गम सिंधिया की आंखो में साफ नजर आ रहा है.

बुधवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में माधवीराजे सिंधिया का निधन हो गया था. जिसके बाद गुरुवार सुबह उन्हें ग्वालियर लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया. उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुखाग्नि दी. पूरे रीति-रिवाजों के साथ रातमाता का अंतिम संस्कार किया गया. 

अस्थि संचय करने पहुंचे सिंधिया

राजामाता माधवीराजे सिंधिया के दाह संस्कार के अगले दिन अस्थि संचय किया जा रहा है, जिसके लिए उनके पुत्र ज्योतिरादित्य एक बार फिर छत्री पहुंच गए हैं, जहां माधवीराजे का अंतिम संस्कार किया गया था. गमगीन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हिंदु- रीति रिवाजो के साथ पूजा की. सिंधिया परिवार  के राजपुरोहितों ने राजसी परंपरा के तहत विधि विधान से पूजन कराया. 

तीन कलशों में रखी अस्थियां

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विधि विधान से पूजन करने के बाद अपनी माता की अस्थियां एकत्रित की. तीन कलशों में इन अस्थियों को  रखा गया. यह सभी कलश राजसी परंपरा के तहत 9 दिनों तक पेड़ पर बांधे जाएंगे. दसवें दिन इन कलशों को उज्जैन, इलाहाबाद और महाराष्ट्र के कांडेढ़ गांव रवाना किया जाएगा. जहां राजसी परम्परा के तहत अस्थि विसर्जन किया जाएगा.

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