भगवान बुद्ध के शिष्यों की अस्थियों को दर्शन के लिए क्यों भेजा गया थाईलैंड-कंबोडिया, जानें
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Sanchi News: मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए निर्णय लिया है कि भगवान बुद्ध के परम शिष्यों की अस्थियों को देश के बाहर थाईलैंड, कंबोडिया दर्शन के लिए भेजा जाए. जिसके बाद गुरुवार को इस फैसले पर अमल किया गया. मप्र शासन के संस्कृति विभाग और भारत सरकार के निर्देशानुसार कलेक्टर अरविंद दुबे ने पवित्र अस्थियों को राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के प्रतिनिधि को सौंपा.
भारत सरकार द्वारा सांची में बौद्ध स्तूप परिसर में स्थित मंदिर में रखे भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को दर्शनार्थ हेतु बैंकाक, थाईलैंड और कंबोडिया विहार ले जाने की अनुमति दी गई है. जिसके उपरांत आज भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और मप्र शासन के संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार सांची में बौद्ध स्तूप परिसर में स्थित चैतियगिरी विहार मंदिर में रखे भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को रवाना किया गया.
गुरुवार को महाबोधी सोसायटी श्रीलंका के प्रमुख वानगल उपतिस्स नायक थेरो की उपस्थिति में कलेक्टर अरविंद दुबे ने भारत सरकार द्वारा अधिकृत तथा राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रतिनिधि डीजे प्रदीप को सुरक्षित तरीके से सौंपा गया. भोपाल से पवित्र अवशेषों को हवाई जहाज के माध्यम से दिल्ली और फिर वहां से बैंकाक, थाईलैंड और कंबोडिया विहार दर्शनार्थ हेतु ले जाया जाएगा. यह पवित्र अवशेष वहां 22 फरवरी से 18 मार्च तक दर्शनार्थ हेतु रहेंगे और इसके उपरांत पुनः वापस सांची में यथा स्थान सुरक्षित रखे जाएंगे.
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थाईलैंड, कंबोडिया सहित कई देशों में हैं बौद्ध धर्म को मानने वाले
दरअसल थाईलैंड, कंबोडिया सहित कई दक्षिण-पूर्व देशों में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं. इनके लिए भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के अस्थि अवशेषों का बहुत अधिक महत्व है. लंबे समय से भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार से बौद्ध धर्म के प्रचारक इस काम के लिए अनुमति मांग रहे थे. अब जाकर भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ने इन अस्थि अवशेषाें को दर्शन के लिए देश के बाहर भेजने की इजाजत दी है. गुरुवार को पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन कराने के बाद इन अस्थि अवशेषों को दिल्ली के लिए रवाना किया गया, जहां से थाईलैंड और कंबोडिया के लिए इनको रवाना किया जाएगा.
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