MP में यहां हैं 'जंगल बुक' वाले मोगली का असली घर, जानिए मोगली लैंड की पूरी कहानी
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Madhya Pradesh News: भारत का दिल कहा जाने वाला मध्य प्रदेश अपने नेशनल पार्क और दूर तक फैले हरे भरे जंगलों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां 11 नेशनल पार्क हैं, जो किसी भी अन्य प्रदेश के मुकाबले सबसे ज़्यादा हैं. इन नेशनल पार्क में वाइट टाइगर से लेकर घड़ियाल, ब्लैक पैंथर, चीतल, बाघ, नीलगाय, चिंकारा, गौर, चौसिंघा, जंगली सुअर आदि कई जानवर तथा वनस्पतियां मौजूद हैं. खास बात ये है कि देश का एकमात्र चीता नेशनल पार्क भी मध्य प्रदेश के श्योपुर में है. जहां पर अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीतों को बसाया गया है.
मध्य प्रदेश में एक नेशनल पार्क है, 'पेंच'. नोबल पुरस्कार से सम्मानित अंग्रेज लेखक रुडयार्ड किपलिंग की वर्ल्ड फेमस किताब "द जंगल बुक" पेंच नेशनल पार्क को ध्यान में रखकर ही लिखी गई है. इस किताब का मुख्य कैरेक्टर 'मोगली' इसी जंगल में पाया जाता था. आगे चलकर इस बुक पर आधारित एक एनिमेटेड सीरीज बनाई गयी- "The Jungle Book". इस सीरी़ज के कई पार्ट आए और मोगली की कहानी दुनियाभर में विख्यात हो गई.
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कौन है "मोगली"?
"मोगली" एक ऐसा अद्भुत और जिंदादिल बालक जो उछल कूद करने के साथ जानवरों संग खेलता भी है, यहां तक उनसे लड़ता भी है. मोगली हर किसी का पसंदीदा किरदार है. मगर क्या आप जानते हैं जंगल-जंगल बात चली है, पता चला है, गाने वाला मोगली अपने ही मध्य प्रदेश का है. चालिए आपको बताते हैं कहां है मोगली का असली घर.
कहां है मोगली का असली घर?
मध्य प्रदेश का पेंच नेशनल पार्क मोगली का जन्म स्थान है. रुडयार्ड किपलिंग की कहानियों में जो जंगल है, वह पेंच नेशनल पार्क है. मोगली का यहीं जन्म हुआ था और यहीं उसने बघीरा, भालू तथा नन्हें हाथियों के साथ दोस्ती की और खूब मौज किया. पेंच नेशनल पार्क को मोगली लैंड के नाम से भी जाना जाता है.
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कहां है पेंच नेशनल पार्क?
पेंच नेशनल पार्क सिवनी से लेकर छिंदवाड़ा जिले में 292.83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसका नाम पेंच इन दोनों जिलों को बांटने वाली पेंच नदी के नाम पर पड़ा है. जो उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है. दिल्ली से पेंच का रास्ता 960 km है. गाड़ी से यह यात्रा 17 hr 48 मिनट की है, वहीं भोपाल से यह नेशनल पार्क 393.94 km दूर है यानी 7 घंटे 33 मिनट का सफर करना होगा. साल 2002 में इस पार्क का नाम बदलकर पेंच से इंदिरा प्रियदर्शिनी राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया था.
पेंच में क्या है खास?
पेंच नेशनल पार्क अनेक दुर्लभ वनस्पतियों का सुंदर एवं सुकूनमय घर हैं. यहां रॉयल बंगाल टाइगर, भालू, चिंकारा के साथ तेंदुए भी निवास करते हैं. इसके अलावा यहाँ प्रवासी तथा भारतीय दोनों तरह के जानवर रहते हैं, जैसे भारतीय पिट्टा, मालाबार पाइड, हॉर्नबिल, ग्रे हेडेड फिश ईगल, डक आदि.
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पेंच घूमने का प्लान है तो जान लें ये बातें....
1) इस पार्क को घूमने के लिए सबसे बेस्ट समय नवंबर से फरवरी के बीच का समय होता है, क्योंकि ग्रीष्मकाल में यहां जानवरों की दिखने की संभावना अधिक रहती है.
2) परिसर में हल्के वाहन और 15 सीटर बसों तक की मंजूरी है.
3) चाहें दिन हो या रात, आप एक खुली जीप की मदद से सफारी का आनंद ले सकते है.
4) पेंच से 17 किलोमीटर दूर बोट सफारी की सुविधा भी मिलती है.
5) एंट्री फीस- भारतीय पर्यटक के लिए 15 रुपए और विदेशी पर्यटक 150 रुपए एंट्री फीस है.
6) टाइमिंग: सुबह 6 से 11 बजे तक और दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक.
7) रुकने के लिए यहां लॉज और रिसॉर्ट्स की सुविधा उपलब्ध है.
8) यहां के कुछ चर्चित रिसॉर्ट्स- पेंच जंगल कैंप, बगवन, महुआ वैन, तुली टाइगर, कॉर्रिडोर पेंच.
9) कैसे पहुंचे?
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- फ्लाइट से यात्रा करना चाहते हैं तो यहां का निकटतम हवाई अड्डा नागपुर में सोनेगांव हवाई अड्डा है. यह 93 km दूर है, जो सबसे पास है.
- ट्रेन से यात्रा करने के लिए यहां के निकटतम रेलवे स्टेशन सिवनी रेलवे स्टेशन पर जाए. यह यहां से 30 कम दूर है.
- रोड से यात्रा करना चाहते हैं तो सिवनी बस स्टैंड से आप बस या जीप को यहां ला सकते हैं. नागपुर -जबलपुर नेशनल हाइवे पर पेंच स्थानीय परिवहन के रूप में टैक्सियां भी चलती हैं.
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इनपुट- एमपी तक के लिए वरुल चतुर्वेदी
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