कौन हैं सारांश गुप्ता? जो बने देश के यंगेस्ट IES ऑफिसर! ऐसे की तैयारी
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![कौन हैं सारांश गुप्ता? जो बने देश के यंगेस्ट IES ऑफिसर! ऐसे की तैयारी Shivpuri, Indian Engineering Services, Saransh Gupta, IES, BHU, IIT, hivpuri,IES,Madhyapradesh, mp news, saransh gupta success story,](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202311/saransh-gupta-768x432.jpg?size=948:533)
MP News: देश की सबसे कठिन परीक्षा पास कर आईईएस बनने की कई ऐसी सफलता की कहानियां हैं जो हर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र के लिए प्रेरणा बन जाती है. सबसे कठिन परीक्षा के लिए मेहनत के साथ साथ धैर्य की भी सबसे ज्यादा जरूरत होती है. किसी को ये सफलता पहली ही बार में मिल जाती तो कोई कई अटेम्प्ट के बाद भी असफल रह जाता है. ऐसी ही एक कहानी यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले IES सारांस गुप्ता की है. सारांश शिवपुरी के रहने वाले हैं. इसके साथ ही उन्होंन अपने पहले ही प्रयास में न सिर्फ परीक्षा पास की बल्कि देश भर में 20 वीं रैंक हासिल की है.
दरसअल शिवपुरी के सारांश गुप्ता ने महज 22 वर्ष की उम्र में संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय यांत्रिकी सेवा में पास हुए हैं. उन्होंने सबसे कम उम्र में इस प्रतियोगी परीक्षा को पास किया है. आपको बता दें सारांश पहले ही प्रयास में यह परीक्षा पास करने में सफल हुए हैं. सारांश की देश भर में 20 वीं रेंक है. सारांश की मेट्रो मैन जैसा कुछ अनूठा कर दिखाने की इच्छा है. उन्हीं को वे अपना आदर्श मानते हैं.
कैसा है सारांस का परिवार?
खास बात यह है कि सारांश गुप्ता ने अपनी पढ़ाई घर में रहकर ही की है. उनका कहना है कि जो बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें एकाग्र होने की जरूरत है. सारांश के पिता संजीव गुप्ता पंचायत सचिव हैं. मां शोभा गुप्ता गृहणी हैं. जबकि भाई, बहन बैंक सर्विसेज में है. सारांश कहते हैं कि उन्हें अपने परिवार से काफी सपोर्ट मिला और उन्हें पढ़ने के लिए पूरा माहौल दिया. यही वजह है कि उन्होंने यह सफलता हासिल की है.
JEE मेंस और एडवांस दोनों परीक्षाएं की पास
सारांश ने BHU की पढ़ाई के दौरान ही टाटा प्रोजेक्ट से मिला 16 लाख का पैकेज ठुकराया था. 2023 में IIT सिविल इंजीनियरिंग पास की और गेट परीक्षा में भी सफलता हासिल की थी. सारांस का मकशद लोक सेवा परीक्षा पास कर IES बनना था. जिसके लिए वे लंबे समय से मेहनत करते आ रहे हैं. यही कारण है कि उन्हें पहले ही प्रयास में सफलता मिली है.
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