Dhar Bhojshala: धार भोजशाला में दूसरे दिन का सर्वे शुरू, पहले दिन ASI की टीम को मिले चौंकाने वाले सबूत
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार सुबह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की टीम ने धार की ऐतिहासिक भोजशाला का सर्वे शुरू किया. आइए जानते हैं कि पड़ताल के दौरान क्या-क्या चीजें मिली हैं.
Dhar Bhojshala: अयोध्या और काशी के बाद उज्जैन की धार स्थित भोजशाला का सर्वे किया जा रहा है.मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम धार स्थित भोजशाला का सर्वे कर रही है. दूसरे दिन का सर्वे शुरू हो चुका है. वहीं सर्वे के पहले दिन एएसआई की टीम को को कई सबूत मिले हैं. दरअसल, हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों ही इस जगह पर अपना अधिकार होने का दावा करते हैं. ऐसे में वास्तविकता क्या है, इसका पता लगाने के लिए हाईकोर्ट ने एएसआई की टीम को जिम्मेदारी सौंपी है. एएसआई की जांच से हिंदू पक्ष संतुष्ट नजर आ रहा है. आइए जानते हैं कि पड़ताल के दौरान क्या-क्या चीजें मिली हैं. देखिए ये रिपोर्ट...
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार सुबह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की टीम ने धार की ऐतिहासिक भोजशाला का सर्वे शुरू किया. टीम ने करीब साढ़े पांच घंटे महत्वपूर्ण सबूतों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की. सर्वे के दूसरे दिन हिंदू पक्ष की ओर से याचिकाकर्ता आशीष गोयल, गोपाल शर्मा और कमाल मोला बेलफ़ेयर सोसायटी के सदस्य अब्दुल समद भी सर्वे टीम के साथ भोजशाला में पहुंचे हैं. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स भी भोजशाला परिसर के बाहर तैनात है, फिलहाल शहर में शांति का माहौल है.
हिन्दू-मुस्लिम पक्ष का दावा
भोजशाला एएसआई द्वारा संरक्षित 11वीं सदी का एक स्मारक है. हिंदू इसे वाग्देवी (देवी सरस्वती) का मंदिर मानते हैं और मुसलमान इसे कमाल मौलाना मस्जिद कहते हैं. यूं तो भोजशाला का विवाद दशकों पुराना है लेकिन साल 2022 में इंदौर हाई कोर्ट में दायर एक याचिका ने इसे एक नया मोड़ दे दिया. याचिका में यहां सरस्वती देवी की प्रतिमा स्थापित करने और पूरे परिसर की फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी करवाने की मांग की गई थी.
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