MP में आज से बंद हो सकती है आयुष्मान कार्ड की सुविधा, प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन कर रहा विरोध

रवीशपाल सिंह

ADVERTISEMENT

mptak
social share
google news

Mp news: आज से मध्यप्रदेश में आयुष्मान कार्ड पर इलाज कराने वाले मरीजों को इलाज के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पतालाें में आज से आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों का इलाज अब पूरी तरह बंद करने का ऐलान कर दिया है. यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल ने आज से इलाज बंद करने की घोषणा कर दी है. अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग मरीजों को इलाज में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

एक तरफ मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस एक बार फिर से दस्तक दे रहा है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों ने आज से आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज पूरी तरह से बंद करने का ऐलान किया है.  प्राइवेट अस्पताल संचालक आयुष्मान कार्ड से इलाज का बिल समय पर भुगतान ना होने से नाराज चल रहे हैं. अस्पताल संचालकों की माने तो सरकार की तरफ से अभी भी करोड़ो रूपये का बिल अटका हुआ है. ऐसे में हमें अस्पताल संचालित करने में बड़ी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. इसी कारण आज से आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज पूरी तरह से बंद करने का ऐलान कर दिया है. 

ये भी पढ़ें; CM शिवराज के गृह जिले में ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन, ‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’ के लगाए नारे

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

सरकार पर करोड़ो रूपये की उधारी
प्राइवेट अस्पताल संचालकों का कहना है कि पिछले 1 साल से आयुष्मान योजना के अंतर्गत हो रहे मरीजों के इलाज का पैसा सरकार ने नहीं दिया है. जिसके चलते अस्पताल करोड़ों रुपए की उधारी झेल रहे हैं. लगातार गहराता आर्थिक संकट के बीच अब प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज ना करने का फैसला लिया है.

डॉक्टर्स एसोसिएशन की मांग
यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार के सामने तीन मांगें भी रखी हैं. अस्पताल संचालकों की पहली मांग 31 मार्च 2023 तक के सभी बिलों का बिना देरी किये भुगतान किया जाए. एसोसिएशन की दूसरी मांग है की आयुष्मान निरामय कार्ययोजना समिति में अफिकरियों के साथ प्रायवेट डॉक्टर्स को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। एसोसिएशन की तीसरी मांग है कि आगे से 30 दिनों के अंदर आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज का भुगतान कर दिया जाए. एसोसिएशन के संयोजक डॉ जे पी पालीवाल ने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत अभी प्रायवेट अस्पतालों के करीब 600 से 900 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है, और हर रोज़ करीब 4 हज़ार मरीजों का इलाज किया जा रहा है. डॉ पालीवाल ने कहा कि अगर समस्याओं का निराकरण नही किया गया तो 600 से ज्यादा प्रायवेट अस्पताल आयुष्मान योजना के हितग्राहियों का इलाज पूरी तरह से बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़ें: कमलनाथ ने संभाली गहलोत और पायलट विवाद को सुलझाने की कमान, क्या हो पाएगा समाधान?

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT