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भोपाल देश का पहला ‘लिविंग विद टाइगर’ सिटी, बाघों की संख्या हुई इतनी

इज़हार हसन खान

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Tiger News: श्योपुर के कूनो में भले ही चीतों की हालत खराब बताई जा रही हो, लेकिन राजधानी भोपाल में टाइगर का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. भोपाल में टाइगरों की की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. जिसमें से 13 वयस्क हैं और 9 शावक हैं. इसकी वजह काफी तक भोपाल और सीहोर के बीच के जंगल हैं.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल देश का पहला शहर है जो ‘लिविंग विद टाइगर’ है. भोपाल और सीहोर के बीच के जंगलों का इलाका टाइगर के मेटिंग और ब्रीडिंग के लिए काफी अनुकूल है. यही वजह है कि आए दिन यहां पर बाघिन अपने बच्चों के साथ दिखाई दे जाती है. इसके साथ ही टाइगर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.

भोपाल में बढ़ रहे टाइगर
भोपाल में टाइगरों की की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. जिसमें से 13 वयस्क हैं और 9 शावक हैं. कलियासोत डैम के आसपास 6 शावक दिखाई देते हैं तो वहीं 4 बच्चे वाल्मी संस्थान के आसपास बाघिन के साथ दिखाई दे रहे हैं. इलाके में बाघ का मूवमेंट है. वह इलाका भोपाल और सीहोर के बीच का इलाका है.

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टाइगर्स का खास ध्यान
टाइगरों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में वन विभाग की अहम भूमिका है. रात में भी शावकों का खास ध्यान रखा जाता है. वन विभाग के द्वारा रात के समय टाइगर मूवमेंट वाले इलाके के आवागमन के रास्ते को बंद कर दिया जाता है, साथ ही पेट्रोलिंग भी की जाती है, जिससे कि शावक किसी वाहन की चपेट में ना आएं. भोपाल के टाइगर की एक खास बात यह है कि अभी तक इन्होंने किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया है.

मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क में बाघों को देखने के लिए देशभर से हर साल लगभग 10 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं. कोरोना काल के बाद से इस संख्या में कुछ कमी ज़रूर आई है. हालांकि कोरोना काल समाप्त होने के बाद फिर से यह संख्या बढ़ गई है. इससे यह स्पष्ट है कि टाइगर रिजर्व में आने वाले दिनों में टूरिस्ट की भीड़ रहेगी.

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मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है. फोटो- एमपी टूरिज्म ट्विटर हैंडल से

कूनो में चीतों की हालत
एक ओर जहां भोपाल में बाघों की संख्या बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी ओर कूनो में चीतों की संख्या कम होती जा रही है. पिछले दिनों में 3 चीतों और 3 शावकों समेत कुल 6 चीतों की जान जा चुकी है. ये चीते देश में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाये गए थे. लेकिन इन चीतों की लगातार हो रही मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है और चीतों को कूनो से हटाकर राजस्थान जैसी जगहों पर शिफ्ट करने की बात कही है.

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प्रोजेक्ट टाइगर में इस साल भी मिल सकता है टाइगर स्टेट का दर्जा
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर कर्नाटक के मैसूर में 9  अप्रैल को तीन दिवसीय आयोजन किया गया था. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघ गणना-2022 के आंकड़े जारी किये थे. माना जा रहा है कि इस बार भी मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलेगा. 2018 की गणना के बाद मध्य प्रदेश में 526 बाघ पाए गए थे. इसके साथ ही एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा मिल गया था.

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