सीएम शिवराज का रास्ता रोकना आशा कार्यकर्ताओं को पड़ा भारी, 8 पर दर्ज हुई FIR
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Gwalior news: बीते रोज सीएम शिवराज सिंह चौहान के काफिले को ग्वालियर में रोकने की कोशिश करने वाली 8 आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किए जाने की बात कह रही है. इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का रवैया आशा उषा कार्यकर्ताओं के प्रति अत्यंत दुर्भावनापूर्ण है.
जानकारी के मुताबिक 15 मार्च से ग्वालियर में आशा कार्यकर्ता अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर फूलबाग चौराहे पर धरना दे रहीं हैं.रविवार को ग्वालियर में मेला ग्राउंड स्थित प्रांगण में आंबेडकर महाकुंभ का आयोजन सम्पन्न हुआ था. इस मौके कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में शिरकत की थी. धरना देने वाली आशा कार्यकर्ता सीएम से मिलकर अपनी मांगों से उन्हें अवगत कराना चाहती थीं. लेकिन पुलिस की सुरक्षा के बीच हालात चक्काजाम जैसे हो गए. इस पर पुलिस ने शुरूआती कार्रवाई करते हुए 8 आशा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है.
मामले के दो दिन बाद FIR दर्ज
इस पूरे मामले के बाद सोमवार को पुलिस ने इस मामले में कथित चक्का जाम करने वाली 8 आशा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध यातायात में बाधा पहुंचाने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है. इस मामले के नामजद आरोपियों में लीला रायपुरिया, रजनी मीणा, साधना शर्मा, संध्या बघेल, शारदा गुर्जर, रीता गुप्ता, मीनाफ़ खान और रूबी राठौर शामिल हैं. पुलिस ने नामजद आरोपियों के विरुद्ध धारा 341, 294, 323, 506, 427 एवं 34 के तहत केस दर्ज किया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडोतिया ने पुलिसिया कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा है कि मामले में विवेचना की जा रही है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.
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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया आशा कार्यकर्ताओं का समर्थन
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ट्वीट कर कहा कि “मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का रवैया आशा उषा कार्यकर्ताओं के प्रति अत्यंत दुर्भावनापूर्ण है. प्रदेश भर में आशा उषा कार्यकर्ता पिछले 1 महीने से लगातार हड़ताल पर हैं और सरकार इनकी मांगे मानना तो दूर इनसे बातचीत भी नहीं कर रही है. सरकार के इस रवैये से आशा कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है. कल ग्वालियर में अपनी वाजिब मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रवास के दौरान अपना मांग पत्र देना चाहा तो उनके साथ अपराधियों की तरह सुलूक किया गया और उनके ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज कर लिए गए. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वे सबसे पहले आशा कार्यकर्ताओं से माफी मांगे, उनकी जायज मांगे स्वीकार करें और उन पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लें.”
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पिछले एक महीने से धरने पर हैं आशा कार्यकर्ता
5 मार्च से ग्वालियर में आशा कार्यकर्ता अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर फूलबाग चौराहे पर धरना दे रहीं हैं. उनकी मांग है कि उन्हें महज दो हजार रूपए मासिक वेतन दिया जाता है. ऐसे में उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. लिहाजा उनका वेतन बढ़ाकर दस हजार रुपए और सहयोगी यानी उषा कार्यकर्ता को पंद्रह हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाए.
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