फ्लाई ओवर का नाम ‘जबरन का ब्रिज’ लिखने पर कांग्रेस नेता पर केस, साथियों के साथ किया था विरोध प्रदर्शन
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Dewas News: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री प्रदीप चौधरी को फ्लाई ओवरब्रिज का नामकरण करना भारी पड़ गया. उन्होंने देवास में बन रहे नए ओवरब्रिज की जगह बदले जाने पर उसे ‘जबरन का ब्रिज’ नाम दिया था. ब्रिज पर पोस्टर भी लगाए गए थे, जिसके बाद उनके ऊपर केस दर्ज कर लिया गया है. प्रदीप चौधरी सहित उनके साथियों के खिलाफ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है. वीडियो के आधार पर उनके साथियों की पहचान की जा रही है.
दरअसल ये ब्रिज एबी रोड पर रामनगर चौराहे से बावडिय़ा तक बना है, जबकि इसे भोपाल चौराहे से LNB क्लब तक बनाया जाना था. इसी को लेकर कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाए थे और प्रदर्शन किया था. प्रदीप चौधरी ने प्रदर्शन के दौरान कहा था कि ब्रिज को भोपाल चौराहे से LNB क्लब के आगे तक बनाया जाना था.
लेकिन भाजपा ने अपनी हठधर्मिता से ब्रिज की जगह को परिवर्तित कर उसे रामनगर से बावड़िया तक बनवा दिया. यहां ब्रिज की कोई जरूरत ही नहीं थी, इसलिए इस ब्रिज का नाम ‘जबरन का ब्रिज’ नाम रखा गया है.
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‘जबरन का ब्रिज’ लिखने पर कार्रवाई
कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी ने अपने साथियों ने के साथ ब्रिज को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान नारेबाजी भी की गई थी. नए ओवरब्रिज के ऊपर ‘जबरन का ब्रिज’ के बैनर-पोस्टर लगाए गए थे. इसके अलावा लाल रंग से पेंट कर ‘जबरन का ब्रिज’ लिखा भी गया था. इसी के आधार पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने सोमवार रात को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री प्रदीप चौधरी सहित उनके साथियों के खिलाफ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है.
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सिविल लाइन पुलिस ने किया केस दर्ज
इस मामले में उपयंत्री लोक निर्माण विभाग महेश कुमार शर्मा की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है. पुलिस ने कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी और उनके प्रदर्शनकारी साथियों के ऊपर मप्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 की धारा-3 के तहत प्रकरण दर्ज किया है. एफआईआर में लिखा गया है कि शासकीय पुल को कुरुपित किया गया है. सिविल लाइन थाना पुलिस के मुताबिक फिलहाल प्रदीप चौधरी को मामले में आरोपी बनाया गया है. वीडियो फुटेज के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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