Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में अब सफाईकर्मियों को सीवर, सेप्टिक टैंक और मेनहोल की सफाई नहीं करनी होगी, बल्कि इसके अब पूरी तरह से मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. ये सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिहाज से भी अहम कदम माना जा रहा है. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने ये निर्देश दिए हैं.
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने निर्देशित किया है कि सभी नगरीय निकाय “मेनहोल टू मशीन-होल” की प्रक्रिया को अपनाते हुए आधुनिक मशीनों द्वारा ही सीवर, मेनहोल एवं सेप्टिक टेंक की सफाई सुनिश्चित करें. साथ ही स्वच्छता उद्यमियों को स्वच्छता उद्यमी योजना से लाभान्वित करेंगे. यानी कि इस योजना से सफाई कर्मियों को मिलने वाले रोजगार पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
सफाई के लिए होगा मशीनों का इस्तेमाल
स्वच्छता उद्यमी योजना के तहत सफाईकर्मियों के लिए ये अहम फैसला लिया गया है. अब सेप्टिक टैंक और मेनहोल की सफाई के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि नगरीय निकायों में सेनिटेशन पॉलिसी बनाई जाएगी, जिसके बाद मेनहोल की सफाई मशीनों से कराई जाएगी.
मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि विभाग द्वारा मेनहोल एवं सेप्टिक टेंक की मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय एवं संस्थागत प्रावधान भी किये गये हैं. साथ ही सफाई में लगे हुए सफाई मित्रों को रोजगार देने के उद्देश्य से स्वच्छता उद्यमी योजना भी लागू की गई है. प्रदेश में मेनहोल और सेप्टिक टैंकों की मेन्युअल सफाई पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इस संबंध में सभी जिलों द्वारा “मेन्युअल स्कैवेंजिंग” मुक्त जिला होने की घोषणा भी की गई है. भारत सरकार द्वारा भी “मेनहोल टू मशीन-होल” स्कीम को लागू करने के निर्देश दिये गये हैं.
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