MP POLITICAL NEWS: सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक दूसरे को रामचरित मानस की चौपाईयों के जरिए घेरने की कोशिश की. चौपाई के जरिए दोनों ने एक दूसरे को झूठा और जनता को गुमराह करने वाला बताया. दोनों ने फिर से एक दूसरे से सवाल किए लेकिन जवाब किसी ने भी नहीं दिया. सीएम शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ दोनों ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान बोले. उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई के जरिए कहा कि “झूठई लेना, झूठई देना , झूठई भोजन झूठ चबे ना”. ये लाइनें कमलनाथ जी पर फिट बैठती हैं. उनका झूठ ही लेना और झूठ ही देना होता है. भोजन भी झूठई होता है और झूठ ही उनका चबेना होता है.
सीएम बोले, ‘मैं रोज़ जवाब मांग रहा हूं. आज तक जवाब नहीं दिया. आज मैं फिर कह रहा हूं. कमलनाथ जी आपने अपने महा झूठ पत्र में यह वादा किया था कि देवी अहिल्याबाई होल्कर निशुल्क शिक्षा योजना शुरू करेंगे जिसके तहत बेटियों को फ्री शिक्षा और रिआयती दरों पर दोपहिया वाहन के लिए ऋण दिया जाएगा और आरटीओ से निशुल्क वाहन का रजिस्ट्रेशन होगा. अब मैं बार-बार पूछ रहा हूं कि बेगा भारिया, सहरिया कि मेरी बहनों के 1000 जो हम देते थे अपनी सरकार में वो छीनने का पाप तो आपने किया. यह वादा पूरा क्यों नहीं किया’.
कमलनाथ ने किया पलटवार
‘शिवराज जी आप झूठ की मशीन हैं. यह तो मध्य प्रदेश की जनता जानती है. लेकिन आप वैचारिक रूप से इतने दरिद्र और मर्यादा विहीन हैं. इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. आज आपने रामचरितमानस की वह चौपाई मुझसे पूछी है जो दिनांक 10 फरवरी 2023 के प्रश्न में मैंने आपसे पूछी थी. सवाल पूछने तक में नकल करने वाले शिवराज जी आप हंसी के पात्र बनते जा रहे हैं’.
कमलनाथ ने आगे कहा कि ‘मेरा सवाल आपसे यह है कि आपने कुछ समय पहले बाल आशीर्वाद योजना शुरू की थी. जिसमें अनाथ बच्चों की मदद करने का झूठ आपने बोला था. सारे बच्चे चीख चीख कर कह रहे हैं कि मामा ने हमें धोखा दे दिया. इन अनाथ बच्चों की आंहें सुनकर भी क्या आपका पत्थर दिल पिघलता नहीं हैं. आप सत्य के मार्ग पर सच्चे हृदय से चलने की कोशिश तो करिए, गलत रास्ते पर भी चलेंगे तो ईश्वर आपको सही रास्ते पर ले आएगा’.
“उल्टा नाम जपत जग जाना
बाल्मीकि भए ब्रह्म समाना।”
CM शिवराज ने उठाया महिलाओं का मुद्दा तो कमलनाथ बोले, ‘कम से कम आप महिला हित पर ना पूछें सवाल’