कांग्रेस नेता नरेंद्र शर्मा को भ्रष्टाचार के मामले में 4 साल की सजा, मांगी थी 25 लाख की रिश्वत: जानें

उमेश रेवलिया

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Congress leader Narendra Sharma sentenced to 4 years in corruption case court also imposed fine of 1.5 lakh
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Khargon Crime News: मध्य प्रदेश के खरगोन में मंडलेश्वर जिला न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में सनावद नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता नरेंद्र शर्मा उर्फ लाली को 4 साल की सजा सुनाई है, इसके साथ ही डेढ़ लाख का जुर्माने भी ठोंका गया है. लाली शर्मा ने नगरपालिक अध्यक्ष रहते हुए बिल्डिंग निर्माण पर रोक हटाने के लिए 25 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी. इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने उसे 10 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था.

मंडलेश्वर जिला कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजीव कुमार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मंडलेश्वर ने लोकायुक्त इंदौर के विशेष प्रकरण पर अपना फैसला सुनाया है. मंगलवार की शाम सुनाए फैसले में कोर्ट ने कहा लोकायुक्त कार्यालय इंदौर के विशेष प्रकरण 10/ 2016 एवं अपराध क्रमांक 537/2015 में आरोपी नरेंद्र शर्मा उर्फ लाली नगर पालिका परिषद सनावद में अध्यक्ष के पद पर पदस्थ था.

10 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा था
आरोपी द्वारा फरियादी प्रवीण सोलंकी निवासी नर्मदा विहार कॉलोनी सनावद में निर्माणाधीन कमर्शियल बिल्डिंग के निर्माण पर लगी रोक हटाने के एवज में 10 लाख की रिश्वत राशि लेते हुए आरोपी नरेंद्र शर्मा उर्फ लाली को रंगे हाथों पकड़ा गया था.

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कोर्ट ने आरोपी नरेंद्र शर्मा को धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 50 हजार अर्थदंड से एवं धारा 13 (1) डी, 13 (2), में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक लाख अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड नहीं अदा न करने पर 6-6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास के दंड से दंडित किया गया है. प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी प्रकाश सोलंकी विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई.

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2015 में लोकायुक्त इंदौर ने की थी कार्रवाई
31 अक्टूबर 2015 को लोकायुक्त पुलिस ने विधायक हितेंद्र सिंह सोलंकी के भाई प्रवीण सोलंकी की शिकायत पर ये कार्रवाई की थी। लाली ने प्रवीण सोलंकी के नवीन कॉम्प्लेक्स निर्माण के एवज में 10 लाख रुपए के रिश्वत ली थी. सनावद में मां नर्मदा विहार कॉलोनी में 10 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर कॉलोनी को मंजूरी देने के एवज में रिश्वत मांगी गई थी.

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दरअसल, सनावद में प्रस्तावित इस कॉलोनी को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगरपालिका सीएमओ से मंजूरी मिल चुकी थी. तत्कालीन नपाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा उर्फ लाली जानबूझकर इसमें बाधा खड़ी कर रहे थे. उन्होंने जांच कमेटी का गठन कर दिया था और 25 लाख रुपये रिश्वत देने पर ही कॉलोनी के लिए मंजूरी देने की बात पर अड़ गये थे.

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