Principal Vimukta Sharma: बीएम कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर विमुक्ता शर्मा के न्याय के लिए बार काउंसिल के सदस्य आगे आए हैं. प्रिंसिपल की हत्या के आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव की ओर से न्यायालय में कोई वकील पैरवी न करे, इसको लेकर स्टेट बार काउंसलिंग के सदस्य जय हार्डिया ने इंदौर कोर्ट और महू कोर्ट को एक लेटर जारी कर, आरोपी की ओर से केस न लड़ने की अपील की है. जारी लेटर में कहा गया है कि अगर कोई वकील आरोपी की पैरवी करता है तो मृतिका प्रिंसिपल को न्याय प्राप्त नहीं हो सकेगा.
स्टेट बार काउंसिल के सदस्य जय हार्डिया ने कहा कि ये देश का पहला ऐसा मामला है, जिसमें छात्र ने प्रिंसिपल की जघन्य हत्या की है. उन्होंने कहा कि सिर्फ इंदौर और मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में इस घटना की निंदा की जा रही है. घटना के आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव के विरुद्ध यह मांग की है कि इंदौर अभिभाषक संघ और महू अभिभाषक संघ दोनों दोनों संघ के वकील आरोपी की ओर से पैरवी न करें और न ही कोई वकील पत्र पेश करें.
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समाज में पेश होगा अच्छा उदाहरण
जय हार्डिया ने प्रिंसिपल की हत्या को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि कि यदि वकील ऐसा करते हैं, आरोपी की पैरवी नहीं करते हैं तो इससे समाज में एक अच्छा उदाहरण पेश होगा, कि इस तरह के घटनाक्रम में वकील आरोपियों का साथ नहीं देते. कई संगठन और लोग इस जघन्य हत्याकांड को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में पूरे मामले को चलाने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर अधिवक्ता ने कहा कि निश्चित ही इस तरह की घटना का चालान जल्द पेश कर पुलिस इसकी जांच करे. जय हार्डिया ने कहा कि आरोपी के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में फैसला होना चाहिए. 90 दिन के भीतर न्याय मिल जाना चाहिए.
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प्रिंसिपल को जिंदा जला दिया था
बीएम कॉलेज की प्रिंसीपल विमुक्ता शर्मा को एक पूर्व छात्र ने दिन दहाड़े पेट्रोल डालकर जला दिया था. हमले में प्रिंसीपल का 80 प्रतिशत शरीर जल गया था. इसके बाद प्रिंसीपल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 5 दिनों तक इलाज चलने के बाद उनकी मौत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक आरोपी ने कॉलेज द्वारा मार्कशीट नहीं देने की वजह से प्रोफेसर की हत्या कर दी थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.