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उज्जैन रेप केस में 5 ऑटो ड्राइवर हिरासत में, एसपी ने कहा- बच्ची प्रयागराज की नहीं सतना की

एमपी तक

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Ujjain Minor Rape Case: मध्यप्रदेश के उज्जैन में बीते दिन जिस 12 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी होने की जो कहानी सामने आई, उसमें एक नया मोड़ आ गया है. पीड़ित बच्ची की बोली के हिसाब से पुलिस उसे यूपी के प्रयागराज जिले का मानकर चल रही थी लेकिन अब पुलिस को अपनी पड़ताल में पता चला है कि पीड़ित बच्ची प्रयागराज की नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के सतना जिले की है. जो बीते कुछ समय से गुमशुदा थी, जिसकी रिपोर्ट तक सतना जिले के संबंधित थाने में दर्ज है. ये जानकारी सामने आने के बाद से मध्यप्रदेश की सियासत भी खूब गरम हो गई है.

उज्जैन पुलिस ने 12 साल की बच्ची के साथ हुए रेप केस में अब तक 5 ऑटो ड्राइवरों को हिरासत में लिया है, जिनसे लगातार पूछताछ जारी है. आरोपियों से पूछताछ के लिए सतना पुलिस भी उज्जैन पहुंच रही है. आपको बता दें कि 25 सितंबर को नाबालिग बच्ची लहूलहान हालत में महाकाल थाना इलाके में दांडी आश्रम के पास मिली थी. उसके कपड़े खून से सने हुए थे. दरिंदगी की वजह से उसे लगातार ब्लीडिंग हो रही थी और इसी हालत में 12 साल की इस मासूम ने मदद की आस में पैदल-पैदल 8 किमी. का सफर तय किया.

 

पीड़ित बच्ची इन 5 ऑटो ड्राइवरों के साथ दिखी, पांचों हिरासत में

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने 5 ऑटो ड्राइवरों को हिरासत में लिया है, क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में पीड़ित बच्ची इन 5 ऑटो ड्राइवरों के साथ दिखी है. बच्ची की मानसिक स्थिति बिगड़ चुकी है और वह इस हालत में नहीं है कि खुद के साथ हुई दरिंदगी के बारे में खुलकर कुछ बता सके. पुलिस इसके लिए बाल विशेषज्ञों की मदद ले रही है, जो पीड़ित बच्ची की काउंसिलिंग भी कर रहे हैं. पीड़ित बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट सतना जिले के जैतवारा थाने में दर्ज है.

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इस मुद्दे पर मध्यप्रदेश की सियासत भी पहुंची चरम पर

इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि ‘भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में एक छोटी बच्ची के साथ हुई बर्बरता आत्मा को झकझोर देने वाली है. अत्याचार के बाद वह ढाई घंटे तक दर-दर मदद के लिए भटकती रही और फिर बेहोश होकर सड़क पर गिर गई लेकिन मदद नहीं मिल सकी. ये है मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा? भाजपा के 20 साल के कुशासन तंत्र में बच्चियां, महिलाएं, आदिवासी, दलित कोई सुरक्षित नहीं है. लाडली बहना के नाम पर चुनावी घोषणाएं करने का क्या फ़ायदा है, अगर बच्चियों को सुरक्षा और मदद तक नहीं मिल सकती’?

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बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि आरोपियों को जीने का अधिकार नहीं है, उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. यह अमानवीय कृत्य है. बच्चियों के ऊपर इस प्रकार के कृत्यों से भारत माता को आघात पहुंचा है. इसलिए सरकार और कानून को मज़बूती से कार्रवाई करनी चाहिए.

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समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार को ऐसे घिनौने कृत्य करने वाले अपराधियों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए. कांग्रेस की ओर से शोभा ओझा एवं अन्य नेताओं ने सरकार पर नाकामी के आरोप लगाए हैं और सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री ऊषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की तेजी से जांच करने, पीड़िता को न्याय दिलाने, हर मदद उपलब्ध कराने और आरोपियों पर सख्त से सख्त एक्शन लेने की बात कही है.

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