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दरिंदगी की शिकार 12 साल की बच्ची फटे कपड़ों में सड़क पर घूमती रही, CCTV में दिखा ये शर्मनाक सच

संदीप कुलश्रेष्ठ

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Ujjain Rape Case: उज्जैन में 12 साल की बच्ची के साथ रेप कर उसे फेंकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. घटना के सीसीटीवी फुटेज को देखकर जाना जा सकता है कि किस तरह से इस मामले में आरोपियों ने हैवानियत की हद पार कर दी है. दरअसल उज्जैन के बड़नगर रोड पर दांडी आश्रम के पास एक 12 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी कर उसे फेंक दिया गया. जहां से वह पैदल ही अर्धनग्न अवस्था में इधर-उधर घूमती दिखाई दे रही है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे मामले में अपडेट दिया है. उन्होंने कहा कि बच्ची हालत ठीक है, प्रदेश सरकार द्वारा उसके पूरे इलाज की चिंता कर रही है. उज्जैन एसपी सचिन शर्मा का कहना है कि एक संदिग्ध को पकड़ा गया है, जिसमें पूछताछ भी जारी है. अभी की स्थिति में गिरफ्तारी नहीं की गई है. कुछ साक्ष्य मिले हैं, जिनके आधार पर हम लोग कार्रवाई कर रहे हैं. जब तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं आती हमें इंतजार करना होगा.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उज्जैन रेप कांड को लेकर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘मध्य प्रदेश में एक 12 साल की बच्ची के साथ हुआ भयावह अपराध, भारत माता के हृदय पर आघात है. महिलाओं के खिलाफ़ अपराध और नाबालिग बच्चियों के खिलाफ़ हुए दुष्कर्म की संख्या सबसे ज़्यादा मध्य प्रदेश में है.’

मध्य प्रदेश की बेटियों की स्थिति से पूरा देश शर्मसार

उन्होंने आगे कहा- ‘इसके गुनहगार वो अपराधी तो हैं ही जिन्होंने ये गुनाह किए. साथ ही प्रदेश की भाजपा सरकार भी है, जो बेटियों की रक्षा करने में अक्षम है. न न्याय है, न कानून व्यवस्था और न अधिकार – आज, मध्य प्रदेश की बेटियों की स्थिति से पूरा देश शर्मसार है. मगर, प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री में बिल्कुल शर्म नहीं है – चुनावी भाषण, खोखले वादों और झूठे नारों के बीच बेटियों की चीखें उन्होंने दबा दी हैं.’ वहीं मध्य प्रदेश के कांग्रेस चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा- ‘बीजेपी सरकार को चुल्लू भर पानी में डूब मारना चाहिए जिस पर गृहमंत्री ने कहा कि इस मामले में भाजपा को कांग्रेस के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है.’

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गृहमंत्री ने दिया अपडेट, कहा- बच्ची की हालत ठीक

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- ‘ये बालिका उज्जैन की रहने वाली मालूम हुई है. चूंकि बालिका अभी ठीक तरीके से बात नहीं पा रही है, इसलिए बच्ची के लिए काउंसलिंग के लिए चाइल्ड स्पेशलिस्ट लगाए गए हैं. ताकि बच्चे ठीक तरीके से जवाब दे सकें, फिलहाल बच्ची का इलाज इंदौर के एमवाय अस्पताल में किया जा रहा है.’ उन्होंने आगे कहा- ‘बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया और इंदौर के लिए रेफर किया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. 1 मिनट 7 सेकंड के इस सीसीटीवी फुटेज में 12 साल की पीड़ित बच्ची बेसुध घूमती हुई दिखाई दे रही है, जहां पर एक वृद्ध से भी उसने कुछ बात की.’

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया पूरा किस्सा

प्रत्यक्षदर्शी राजेश मिश्रा ने बताया कि मैं किसान हूं और रोजाना 5- 5ः30 बजे उठता हूं. जैसे ही मैं उठा और गेट खोला तो सामने एक बच्ची नजर आई. मैंने देखा कि वह रो रही है तो उससे पूछा कि बेटा क्या हुआ तो उसने कुछ बताने की कोशिश की लेकिन उसकी भाषा समझ में नहीं आई. फिर मैं अंदर उठकर गया, पत्नी को जगाया और उससे कहा कि एक बच्ची है बाहर, जो अर्द्धनग्न है. मैंने कहा तुम चलो बाहर. हम बाहर आए तो देखा वह आगे निकल चुकी थी. वह किस तरफ और कहां गई. इसके बारे में कुछ पता नहीं है. इसके बाद में मुझे कार्यक्रम में जाना था नलखेड़ा. इसके बाद मैं मोटर साइकिल से कार्यक्रम में निकल गया.

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बच्ची बार-बार फटे कपड़े ठीक कर रही थी: प्रत्यक्षदर्शी

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी आचार्य राहुल शर्मा बताया, ‘मुझे इमरजेंसी कार्य से गुरुकुल से बाहर जाना था. मैं गुरुकुल पर बालिका इसी मार्ग से बड़नगर क्षेत्र की ओर जा रही थी. इसी रोड पर आ रही थी. मैंने उसे देखा बच्ची के पैरों वाले कपड़े फटे हुए थे और वह लगभग वस्त्र विहीन थी, ऊपर उसने छोटा सा कपड़ा था, जिसे वह बार-बार खींचकर अपने शरीर को ढंकने का प्रयास कर रही थी. हम लोग जो ऊपरी वस्त्र धारण करते हैं. मैंने उसे कुछ कपड़े दिए तो उसने पहन लिये. मेरे आश्रम में जो स्वल्पाहार बनता है. मैंने उससे पूछा भूख लग रही है. उसने हां कहा तो उसके लिए चाय-नाश्ता बुलवाया, उसने कुछ खाया.’

पुलिस को कॉल कर उसे सौंप दिया: प्रत्यक्षदर्शी

मैं उसे बार-बार पूछने का प्रयास किया कि तुम्हारा नाम क्या है तुम कहां से आई हो कहां की रहने वाली हो या किस समय से क्षेत्र में हो तुम्हारे माता-पिता का कोई नाम नंबर याद हो तो वह मुझे बताओ आप यहां पर बिल्कुल सुरक्षित है यहां पर आपको किसी प्रकार का कोई भय नहीं है. उसकी भाषा समझ नहीं पाई. मैंने उसे पेन और कॉपी भी दिया कि तुम इस पर कुछ लिखकर बताओ. जब वह कुछ नहीं बता पाई तो मैं तुरंत 100 नंबर डायल किया मैंने दो से तीन बार मेरा कॉल कट किया गया. फिर महाकाल थाने के नंबर दिए मैंने वहां पर कंप्लेंट दर्ज कराई. उसके बाद 100 नंबर पर सूचना दे दी. मैंने अपने सारे कार्य स्थगित कर मेरी नजर के सामने उसे सुरक्षित हाथों में चले जाना चाहिए, इसलिए पुलिस को सौंपा.

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