भोपाल कमिश्नर बनकर DSP पर धाक जमा रहा था ‘इंस्पेक्टर’, भिंड पुलिस ने ऐसे दबोचा
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Bhind Crime News: भोपाल कमिश्नर बनकर भिंड के डीएसपी पर धाक जमाने वाले एक फर्जी सब इंस्पेक्टर को भिंड पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया फर्जी सब इंस्पेक्टर खुद को भोपाल कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा के ऑफिस में पदस्थ होना बता रहा था. उसने अपनी आवाज बदलकर खुद को कमिश्नर बताते हुए भिंड डीएसपी से बात की और सुरक्षा गार्ड की मांग की.
दरअसल, हैरान कर देने वाला यह मामला 24 दिसंबर का है, जब प्रधान आरक्षक अरुण दीक्षित पुलिस कंट्रोल रूम में अपनी ड्यूटी पर थे, तभी कंट्रोल रूम पर एक फोन आया. फोन करने वाले शख्स ने खुद को सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह बताते हुए खुद को भोपाल कमिश्नर हरि नारायण चारी मिश्रा के ऑफिस में पदस्थ होना बताया. इसके बाद फर्जी सब इंस्पेक्टर ने ऊमरी थाना प्रभारी और भिंड डीएसपी का मोबाइल नंबर पुलिस कंट्रोल रूम से ले लिया.
डीएसपी ने आवाज से फर्जी को पकड़ा
इसके बाद खुद को सब इंस्पेक्टर बताने वाले वीरेंद्र सिंह ने डीएसपी संजय कोच्चा को फोन लगाकर कहा कि भोपाल कमिश्नर हरि नारायण चारी मिश्रा बात करेंगे. कुछ ही पल में उसने अपनी आवाज बदलकर डीएसपी से बात की और कमिश्नर की आवाज में बात करते हुए उसने खुद के लिए सुरक्षा गार्ड देने की बात भी कही, लेकिन डीएसपी समझ गए की बात करने वाले दोनों शख्स एक ही हैं. दरअसल, डीएसपी संजय कोच्चा कमिश्नर की आवाज को भी भली-भांति पहचानते थे. इसलिए उनका शक गहरा गया.
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डीएसपी ने फोन ट्रैक किया और पता लगाने की कोशिश
डीएसपी ने तुरंत साइबर सेल को संपर्क करके जिस मोबाइल नंबर से फोन आया था उस मोबाइल नंबर को ट्रैक करने के लिए दे दिया. कुछ ही देर में साइबर सेल ने मोबाइल ट्रैक किया और इस बात का खुलासा कर दिया कि यह लोकेशन भिंड में ही है. इसके साथ ही साइबर सेल ने भोपाल कमिश्नर ऑफिस में भी यह पता लगाया कि वहां वीरेंद्र सिंह नाम का कोई सब इंस्पेक्टर पदस्थ है या नहीं. जल्द ही इस बात का पता भी लग गया कि भोपाल कमिश्नर ऑफिस में कोई भी वीरेंद्र सिंह नाम का सब इंस्पेक्टर पदस्थ नहीं है.
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फर्जी इंस्पेक्टर को लहार चौराहे पर पुलिस ने दबोचा
पूरी तसल्ली हो जाने पर देहात थाना पुलिस ने साइबर सेल की मदद से फोन करने वाले शख्स को उसकी लोकेशन ट्रेस करते हुए लहार चौराहे से दबोच लिया. पकड़े गए युवक का नाम अंकित परिहार है. अंकित परिहार के बारे में जानकारी लेने पर पुलिस को मालूम हुआ कि अंकित परिहार इस तरह से ही फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर लोगों के ऊपर धाक जमता है और उनसे ट्रांसफर करवाने या अन्य काम करवाने के नाम पर पैसा ठग लेता है. पुलिस ने बताया कि अंकित पर ग्वालियर और भोपाल समेत उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में इसी तरीके मामले पहले भी दर्ज हो चुके हैं.
फोन करके गार्ड की मांग कर रहा था: पुलिस
टीआई थाना देहात सुधीर सिंह ने कहा कि-कंट्रोल रूम में पदस्थ प्रधान आरक्षक अरुण दीक्षित के पास एक फोन आया था, फोन करने वाला अपने आप को भोपाल कमिश्नर साहब के यहां पर सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह के नाम पर तैनात होना बता रहा था उसके द्वारा यहां पर गार्ड लेने के लिए फोन किया गया था. उसके बाद उसने डीएसपी हेडक्वार्टर से चर्चा की जब उसकी बातों से संदेह हुआ तो साइबर सेल की मदद से इसको पकड़ा गया. जब इससे पूछताछ की गई तो इसके द्वारा इसी तरह और भी घटनाएं करना बताया गया उसके खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है जांच जारी है.
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